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आखिर इस मासूम बच्ची का क्या कसूर

रिपोर्ट :शादाब अली: रुड़की

मिलना इत्तेफाक था, बिछड़ना नसीब था; वो उतना ही दूर चला गया जितना वो करीब था; हम उसको देखने के लिए तरसते रहे; जिस शख्स की हथेली पर हमारा नसीब था !

दरसल पूरा मामला रुड़की के कलियर शरीफ का है जहां पर आज देर रात गंगनहर के करीब पड़े कूड़े के ढेर से एक नवज़ात मासूम बच्ची मिली है। जब नहर किनारे से कुछ राहगीर गुजर रहे थे तो उनको वहां पर रोने की आवाज सुनाई दी जिसके तुरंत बाद ही राहगीरों ने वहां पर खोजबीन शुरू की तो एक मासूम नवजात बच्ची कूड़े के ढेर पर पड़ी बिलबिला कर रो रही थी। मासूम बच्ची इतनी छोटी थी कि उसको यह भी नहीं पता था कि वह कहां पड़ी है और किसने उसे वहां पहुंचाया है। तुरंत ही राहगीरों ने कूड़े के ढेर से मासूम बच्ची को उठाया और इसकी सूचना कलियर पुलिस को दी, जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बच्ची को अपने कब्जे में लेकर उपचार के लिए रुड़की के सिविल हॉस्पिटल भिजवा दिया और तुरंत ही सीसीटीवी कैमरों की मदद से उसके माता-पिता की खोज शुरू कर दी। जिस तरह से यह बच्ची कूड़े के ढेर में पड़ी मिली है उससे यही लगता है कि शायद उसके परिजन उसको यहां छोड़ कर चले गए है या फिर कोई उठाकर इस बच्ची को यहां पर फेक गया है। नवजात बच्ची को देखने से ऐसा लगता है कि इस बच्ची को इस ज़ालिम दुनिया आए हुए कुछ ही दिन हुए है।

कलियर थाना प्रभारी धर्मेंद्र राठी ने बताया कि आज उनको कुछ लोगों के द्वारा सूचना दी गई थी कि एक मासूम नवजात बच्ची कूड़े के ढेर पर पड़ी रो रही है जिसको कुछ राहगीरों ने उठा लिया। सूचना मिलते ही थाना अध्यक्ष मौके पर पहुंचे और नवजात बच्ची को अपने कब्जे में लेकर उपचार के लिए उसको रुड़की के सिविल हॉस्पिटल भिजवा दिया। थानाध्यक्ष ने कहा कि आसपास लगे सभी सीसीटीवी कैमरा की जांच की जाएगी और जल्द ही नवजात बच्ची के माता-पिता को खोज लिया जाएगा।

अभी हाल ही में दो दिन पहले बालिका दिवस लोगों के द्वारा बड़े धूमधाम से मनाया गया था जिसमें उनके द्वारा बड़े-बड़े दावे किए गए जिसमें बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा भी दिया गया। लेकिन जिस तरह से इस मासूम नवज़ात बच्ची को कलियर में नहर किनारे छोड़ा गया है उससे तो यही लगता है कि लोग अभी भी बेटी को बेटों के मुकाबले कम ही समझते है। लोगों के द्वारा बड़े-बड़े दावे किए जाते है लेकिन जमीनी हकीकत से वे बहुत दूर है।

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