रुड़की हरिद्वार जिले में पंचायत चुनाव ना होने के कारण अब नेताओं में सरकार के प्रति आक्रोश बढ़ने लगा है क्योंकि जिस तरह से सरकार जिले में पंचायत चुनाव कराने से डर रही है वह अपने आप में एक सवाल खड़ा करता है आज पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सुभाष वर्मा ने प्रेस वार्ता कर सरकार पर हमला बोला उन्होंने कहा सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए पंचायत चुनाव नहीं कराना चाहती उन्होंने कहा सरकार की मंशा उत्तर प्रदेश की तर्ज पर हरिद्वार जिले में अपना अध्यक्ष नियुक्त करने की है उनको कोई फर्क नहीं पड़ता कि सदस्य जीत कर आए या फिर ना आए इस कारण ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य नहीं हो पा रहे पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सुभाष वर्मा यहीं नहीं रुके उन्होंने पूर्व विधायकों पर हमला बोलते हुए कहा कि 2 पूर्व विधायक जो रंगा बिल्ला के नाम से जाने जाते हैं वह जिले में चुनाव नहीं कराना चाहते हैं वह मुख्यमंत्री के खास माने जाते हैं और मुख्यमंत्री उनके कहने पर ही जिले के पंचायत चुनाव डाल रहे हैं लेकिन अगर जल्द ही सरकार ने पंचायत चुनाव नहीं कराए तो आने वाले समय में कांग्रेस पार्टी एक बड़ा आंदोलन करने जा रही है और आंदोलन के जरिए हर एक व्यक्ति को सरकार की नाकामी बताई जाएगी
रुड़की हरिद्वार राजनीति की बात करें तो यहां पर पिछली बार भाजपा के विधायकों की संख्या सबसे अधिक थी वहीं इस बार विधानसभा चुनाव की बात करें तो इस बार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने हरिद्वार जिले में सबसे ज्यादा विधानसभा सीट जीतने का काम किया है बसपा की बात की जाए तो इस बार जिले में दो विधायक बन कर आए हैं और एक निर्दलीय विधायक भी है अब इन सब की बात की जाए तो कांग्रेस के सबसे अधिक विधायक होने के बावजूद भी कांग्रेस के विधायक जिले में अपने आप को कमजोर महसूस कर रहे हैं क्योंकि जिस तरह से इन विधायकों ने कल दिल्ली रोड स्थित एक होटल में बसपा और निर्दलीय विधायकों के साथ बैठक की है वह अपने आप में क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह बैठक कुछ कांग्रेसियों के गले से नीचे नहीं उतर रही क्योंकि कांग्रेस के विधायक सबसे अधिक होने के बावजूद भी उनको बसपा और निर्दलीय विधायकों की क्यों जरूरत आन पड़ी ,बैठक समाप्त होने के बाद विधायकों ने मीडिया के सामने अपनी बात रखी और कहा कि जिले में जिस तरह से कांग्रेस के विधायकों के साथ भेदभाव किया जा रहा है और पुलिस के अधिकारियों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वह लोग हमारा फोन तक नहीं रिसीव करते और ना ही कॉल बैक करते बिजली के मुद्दे पर भी उन्होंने सरकार को घेरा जिस तरह से सरकार के द्वारा बिजली कटौती की जा रही वह अपने आप में एक गंभीर विषय है उन्होंने कहा जरूरत पड़ने पर हमारे द्वारा सरकार को विधानसभा में घेर ने का काम भी किया जाएगा इसीलिए तो कहा जाता है कि दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है अब देखना यह होगा हरिद्वार की राजनीति मैं आगे क्या नया देखने को मिलेगा
शोभा यात्रा के दौरान हुए पथराव में गांव में पुलिस ने डाला डेरा शरारती तत्वों की की जा रही पहचान
रुड़की भगवानपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत कल रात हनुमान जयंती के अवसर पर निकाली गई शोभायात्रा में दो पक्षों में किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई थी कहासुनी इतनी बड़ी की आपस में पहले तो पथराव हुआ बाद में दोनों समुदाय में आपस में मारपीट हो गई लेकिन तभी इसकी सूचना किसी ने पुलिस को दी जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों पक्षों को शांत कराकर वापस अपने अपने रास्ते भेज दिया लेकिन तभी देर रात फिर से दोनों पक्षों में टकराव हो गया टकराव इतना बड़ा कि दोनों ओर से पथराव किया गया और कुछ वाहनों में आगजनी भी की गई जिसके बाद तुरंत ही पुलिस ने एक्शन लेते हुए पूरे जनपद की पुलिस फोर्स को मौके पर बुलाकर असामाजिक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए 12 लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है वहीं पुलिस कप्तान डॉक्टर योगेंद्र सिंह रावत ने बताया कि जो भी मामले में दोषी पाया जाएगा उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी किसी भी हाल में दंगाइयों को बख्शा नहीं जाएगा कल रात से ही पूरे मामले पर जिले के पुलिस कप्तान नजर बनाए हुए हैं पूरा गांव छावनी में तब्दील कर दिया गया है और आसपास के गांव में भी सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस तैनात की गई है
कल रात हनुमान जयंती के अवसर पर निकाली गई शोभायात्रा के दौरान हुए बवाल के बाद गढ़वाल डीआईजी ने भी पूरे मामले का संज्ञान लेते हुए आज मौके पर पहुंचे और मौके पर पहुंचकर उन्होंने पूरे गांव का जायजा लिया और कहां उनके द्वारा पूरे मामले पर नजर बनाए हुई है और किसी भी शरारती तत्व को बख्शा नहीं जाएगा उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी लोगों की पहचान वीडियो के आधार पर की जा रही है
रुड़की पीडब्ल्यूडी रुड़की में टेंडरों के दौरान कोई घटना का संज्ञान लेते हुए वरिष्ठ अधिकारियों ने तत्काल प्रभाव से आगे होने वाली सभी परीक्रिया अब कैमरे की निगरानी में कराने का आदेश दिया है साथ ही उन्होंने कहा जो भी ठेकेदार इसमें दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी जिस तरह से कल पीडब्ल्यूडी रुड़की में टेंडर के दौरान ठेकेदार स्वयं ही अपने टेंडर निकालते और डालते नजर आए यह अपने आप में एक गंभीर विषय है जिसका संज्ञान लेते हुए वरिष्ठ अधिकारियों ने तत्काल प्रभाव से सभी टेंडर निरस्त कर दिए और कहा आगे होने वाली टेंडर प्रक्रिया कैमरों की निगरानी में की जाएगी साथ ही उन्होंने साफ लफ्जो में कह दिया कि है जिस तरह से कल कुछ ठेकेदार स्वयं ही अपने टेंडर पेटी में डाल रहे थे और बाद में निकाल रहे थे जिसकी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थी उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी क्योंकि कहीं ना कहीं यह सरकारी काम में बाधा डालने का भी कार्य माना जा रहा है जिस तरह से अधिकारियों का काम पीडब्ल्यूडी में ठेकेदार करते नजर आए यह अपने आप में आज दिनभर चर्चा का विषय बना रहा जिसके बाद अधिकारियों ने संज्ञान लेते हुए आदेश जारी कर दिया
रुड़की एक और सरकार बड़े-बड़े दावे कर रही है कि किसी भी विभाग में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और अभी हाल ही में सरकार ने कुछ ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों की लिस्ट बनाई और उनकी जबरन विभाग से परमानेंट छुट्टी करने की तैयारी की जा रही है रुड़की पीडब्ल्यूडी में एक ऐसा ही नजारा देखने को मिला जहां पर ठेकेदार विभाग पर इतने हावी हैं कि उनको अधिकारियों की भी कोई परवाह नहीं है और पीडब्ल्यूडी के अधिकारी भी अपने ठेकेदारों पर आंख बंद कर पूरा भरोसा करते हैं एक पीडब्ल्यूडी रुड़की का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें विभाग में सड़कों के कुछ टेंडर निकाले गए थे लेकिन कमाल की बात यह है कि वह टेंडर पहले तो खुद ही ठेकेदार पेटी में डालते हैं और बाद में खुद ही ठेकेदार पेटी से उन टेंडरों को निकाल लेते हैं यह सारा नजारा वहां पर खड़े किसी व्यक्ति ने वीडियो में कैद कर लिया कमाल की बात यह है जो काम अधिकारियों को करना चाहिए वह काम खुद ही ठेकेदार कर रहे हैं इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पीडब्ल्यूडी रुड़की में ठेकेदारों का किस तरह से वर्चस्व कायम है उनके सामने बड़े-बड़े अधिकारी भी नतमस्तक नजर आते हैं
वीडियो में साफ सुना जा सकता है कि ठेकेदार जो यह कारनामा कर रहे हैं वह सब पूल कराने की कोशिश में है क्योंकि जब किसी काम का पुल हो जाता है तो वह काम किसी एक ठेकेदार को मिल जाता है और उसकी मुनाफे की रकम उन ठेकेदारों को आपस में बांट दी जाती है जो वहां पर टेंडर डालने आए थे और इस पूरे प्रकरण की भनक विभाग को ना हो ऐसा नहीं हो सकता !
जब इस विषय की जानकारी रुड़की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अंशुल सिंह को दी गई तो उन्होंने कहा यह एक गंभीर विषय है और हमारे द्वारा इसकी जांच कराई जाएगी अगर जांच सही पाई गई तो उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी और सभी टेंडर निरस्त किए जाएंगे अब देखना यह होगा आखिरकार कब इस पूरे मामले की जांच होती है और कब टेंडर कैंसिल हो पाते हैं
रूड़की, 12 अप्रैल, 2022: इंडियन सोसाइटी ऑफ लेबर इकोनोमिक्स द्वारा 11 अप्रैल को 2022 को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेकनोलॉजी रूड़की (आईआईटी रूड़की) में इंडियन सोसाइट ऑफ लेबर इकोनोमिक्स का आयोजन किया गया। पूर्व आईएलओ अधिकारी, अन्तराष्ट्रीय स्तर पर विख्यात प्रोफेसर कृष्णामूर्ति ने भातरीय श्रम अध्ययनां के बारे में चर्चा की जो श्रम एवं रोज़गार संबंधी मुद्दों में सक्रिय रहे हैं और उनमें योगदान देते रहें हैं। देष औरदुनिया भर से तकरीबन 500 प्रतिनिधत सम्मेलन में भौतिक रूप से हिस्सा ले रहे हैं, इनमें जाने-माने स्कॉलर्स, नीति निर्माता, व्यापार संघों के प्रतिनिधि और अन्य पेशेवर शामिल हैं तीन दिनों के दौरान 37 तकनीकी सत्रों में सम्मेलन के 3 विषयों पर लगभग 250 पेपर प्रेजे़न्टेशन दिए जाएंगे, 8 पैनल चर्चाओं में लेबर इकोनोमिक्स के मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। ये पैनल चर्चाएं क्षेत्र में सरकारों के द्वारा नीति निर्माण में महत्वपूर्ण साबित होंगी। सम्मेलन के दौरान प्रोफेसर अजीत कुमार चतुर्वेदी, डायरेक्टर, आईआईटी, रूड़की, उत्तराखण्ड; दीपक नायर, प्रेज़ीडेन्ट, इंडियन सोसाइटी ऑफ लेबर इकोनोमिक्स एवं पूर्व वाईस-चांसलर, दिल्ली युनिवर्सिटी, अलख एन. शर्मा, प्रेज़ीडेन्ट, 62वें आईएसएलई कॉन्फ्रैन्स एडीटर, इंडियन जर्नल ऑफ लेबर इकोनोमिक्स, प्रोफेसर एवं डायरेक्टर, इंस्टीट्यूट ऑफ ह्युमन डेवलपमेन्ट; जे.कृष्णामूर्ति, पूर्व प्रोफेसर, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनोमिक्स एवं पूर्व वरिष्ठ अर्थशास्त्री, आईएलओ; एस.पी. सिंह और फाल्गुनी पटनायक, प्रोफेसर, ह्यमेनिटीज़ एवं सोशल साइन्स विभाग, आईआईटी रूड़की, उत्तराखण्ड और आयोजक सचिव और एसोसिएट ओर्गेनाइज़िंग सचिव, 62वां आईएसएलई सम्मेलन; अमित बसोले, हैड, सेंटर फॉर सस्टेनेबल एम्प्लॉयमन्ट, अज़ीम प्रेमजी युनिवर्सिटी, बैंगलोर; दिलिप रथ, हैड केएनओएमएडी और लीड इकोनोमिस्ट, माइग्रेशन एण्ड रेमिटेन्सेज़ सोशल प्रोटेक्शन एण्ड जॉब्स ग्लोबल प्रेक्टिस, विश्व बैंक, शहारा रज़वी, डायरेक्टर, सामाजिक सुरक्षा विभाग, इंटरनेशनल लेबर ओर्गेनाइज़ेशन, जेनेवा; मेहेह पुदुमजी, चेयरपर्सन, थर्मेक्स लिमिटेड, पुणे; अभिजीत सेन, पूर्व सदस्य, योजना आयोग, भारत सरकार; कमला संकरन, प्रोफेसर, लॉ फैकल्टी, दिल्ली युनिवर्सिटी; इंडिया हरवे, डायरेक्टर और प्रोफेसर ऑफ इकोनोमिक्स सेंटर फॉर डेवलमेन्ट ऑल्टरनेटिव्स, अहमदाबाद, के.पी. कन्नन, फैलो एवं पूर्व निदेशक, सेंटर फॉर डेवपलमेन्ट स्टडीज़, त्रिवेन्द्रम; मरीको आउची, सीनियर टेकनिकल स्पेशलिस्ट ऑन सोशल प्रोटेक्शन डीसेंट वर्क टेकनिकल टीम, आईएलओ, साउथ एशिया; जीमोल उन्नी, प्रोफेसर, अहमदाबाद युनविर्सिटी, अहमदाबाद; टी सुंदररमन, एडजंक्ट प्रोफेसर, जेआईपीएमईआर, इंटरनेशनल स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ, पॉन्डिचैरी; दीपक कुमार सिंह, आईएएस, अपर मुख्य सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन के इन्चार्ज, बिहार सरकार; संतोष मेहरोत्रा, विज़िटिंग प्रोफेसर, सेंटर फॉर डेवलपमेन्ट, बाथ युनिवर्सिटी, यूके और डगमर वॉल्टर, डायरेक्टर, आईएलओ, डीसेन्ट वर्क टेकनिकल टीम सपोर्ट टीम, साउथ एशिया और कंट्री ऑफिस, भारत ने अपने विचार प्रस्तुत किए।
प्रोफेसर अजीत के चतुर्वेदी, डायरेक्टर, आईआईटी रूड़की ने कहा, ‘‘आईआईटी रूड़की को सालाना लेबर इकोनोमिक्स सम्मेलन का आयोजन करते हुए बेहद खुशी का अनुभव हो रहा है। सम्मेलन के दौरान महामारी के बाद के दौरान श्रमिकों के रोज़गार, माइग्रेशन, विकास और उनके हितों की सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की जाएगी।’
प्रोफेसर अलख एन. शर्मा, प्रेज़ीडेन्ट, 62वें आईएसएलई सम्मेलन ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा, ‘‘युवाओं के बेरोज़गारी की समस्या भारत में बड़ी चुनौती है, खासतौर पर अगर पढ़े लिखे युवाओं को नौकरी न मिले। समय के साथ यह समस्या लगातार बढ़ रही है और वर्तमान में यह आंकड़ा 25 फीसदी है। अगर भारत को 2030 तक सभी को रोज़गार देने के एसडीजी लक्ष्यों को पूरा करना है तो आने वाले सालों में इस मुद्दे को हल करना बहुत ज़रूरी है।’
सोसाइटी के प्रेज़ीडेन्ट प्रोफेसर दीपक नायर ने कहा, ‘‘इंडियन सोसाइटी ऑफ लेबल इकोनोमिक्स, श्रम, रोज़गार एवं विकास के क्षेत्र में सक्रिय अकादमिकज्ञों, शोधकर्ताओं और अन्य हितधारकों का पेशेवर संगठन है। सोसाइटी की स्थापना 1957 में वैज्ञानिक अध्ययन को बढ़ावा देने तथा श्रम बाज़ार, रोज़गार संबंधी विषयों पर जानकारी के प्रसार के लिए की गई।’आईआईटी रूड़की में हुआ 62वें सालाना लेबर इकोनोमिक कॉन्फ्रैन्स का आयोजन रूड़की, 12 अप्रैल, 2022: इंडियन सोसाइटी ऑफ लेबर इकोनोमिक्स द्वारा 11 अप्रैल को 2022 को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेकनोलॉजी रूड़की (आईआईटी रूड़की) में इंडियन सोसाइट ऑफ लेबर इकोनोमिक्स का आयोजन किया गया। पूर्व आईएलओ अधिकारी, अन्तराष्ट्रीय स्तर पर विख्यात प्रोफेसर कृष्णामूर्ति ने भातरीय श्रम अध्ययनां के बारे में चर्चा की जो श्रम एवं रोज़गार संबंधी मुद्दों में सक्रिय रहे हैं और उनमें योगदान देते रहें हैं। देष औरदुनिया भर से तकरीबन 500 प्रतिनिधत सम्मेलन में भौतिक रूप से हिस्सा ले रहे हैं, इनमें जाने-माने स्कॉलर्स, नीति निर्माता, व्यापार संघों के प्रतिनिधि और अन्य पेशेवर शामिल हैं तीन दिनों के दौरान 37 तकनीकी सत्रों में सम्मेलन के 3 विषयों पर लगभग 250 पेपर प्रेजे़न्टेशन दिए जाएंगे, 8 पैनल चर्चाओं में लेबर इकोनोमिक्स के मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। ये पैनल चर्चाएं क्षेत्र में सरकारों के द्वारा नीति निर्माण में महत्वपूर्ण साबित होंगी। सम्मेलन के दौरान प्रोफेसर अजीत कुमार चतुर्वेदी, डायरेक्टर, आईआईटी, रूड़की, उत्तराखण्ड; दीपक नायर, प्रेज़ीडेन्ट, इंडियन सोसाइटी ऑफ लेबर इकोनोमिक्स एवं पूर्व वाईस-चांसलर, दिल्ली युनिवर्सिटी, अलख एन. शर्मा, प्रेज़ीडेन्ट, 62वें आईएसएलई कॉन्फ्रैन्स एडीटर, इंडियन जर्नल ऑफ लेबर इकोनोमिक्स, प्रोफेसर एवं डायरेक्टर, इंस्टीट्यूट ऑफ ह्युमन डेवलपमेन्ट; जे.कृष्णामूर्ति, पूर्व प्रोफेसर, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनोमिक्स एवं पूर्व वरिष्ठ अर्थशास्त्री, आईएलओ; एस.पी. सिंह और फाल्गुनी पटनायक, प्रोफेसर, ह्यमेनिटीज़ एवं सोशल साइन्स विभाग, आईआईटी रूड़की, उत्तराखण्ड और आयोजक सचिव और एसोसिएट ओर्गेनाइज़िंग सचिव, 62वां आईएसएलई सम्मेलन; अमित बसोले, हैड, सेंटर फॉर सस्टेनेबल एम्प्लॉयमन्ट, अज़ीम प्रेमजी युनिवर्सिटी, बैंगलोर; दिलिप रथ, हैड केएनओएमएडी और लीड इकोनोमिस्ट, माइग्रेशन एण्ड रेमिटेन्सेज़ सोशल प्रोटेक्शन एण्ड जॉब्स ग्लोबल प्रेक्टिस, विश्व बैंक, शहारा रज़वी, डायरेक्टर, सामाजिक सुरक्षा विभाग, इंटरनेशनल लेबर ओर्गेनाइज़ेशन, जेनेवा; मेहेह पुदुमजी, चेयरपर्सन, थर्मेक्स लिमिटेड, पुणे; अभिजीत सेन, पूर्व सदस्य, योजना आयोग, भारत सरकार; कमला संकरन, प्रोफेसर, लॉ फैकल्टी, दिल्ली युनिवर्सिटी; इंडिया हरवे, डायरेक्टर और प्रोफेसर ऑफ इकोनोमिक्स सेंटर फॉर डेवलमेन्ट ऑल्टरनेटिव्स, अहमदाबाद, के.पी. कन्नन, फैलो एवं पूर्व निदेशक, सेंटर फॉर डेवपलमेन्ट स्टडीज़, त्रिवेन्द्रम; मरीको आउची, सीनियर टेकनिकल स्पेशलिस्ट ऑन सोशल प्रोटेक्शन डीसेंट वर्क टेकनिकल टीम, आईएलओ, साउथ एशिया; जीमोल उन्नी, प्रोफेसर, अहमदाबाद युनविर्सिटी, अहमदाबाद; टी सुंदररमन, एडजंक्ट प्रोफेसर, जेआईपीएमईआर, इंटरनेशनल स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ, पॉन्डिचैरी; दीपक कुमार सिंह, आईएएस, अपर मुख्य सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन के इन्चार्ज, बिहार सरकार; संतोष मेहरोत्रा, विज़िटिंग प्रोफेसर, सेंटर फॉर डेवलपमेन्ट, बाथ युनिवर्सिटी, यूके और डगमर वॉल्टर, डायरेक्टर, आईएलओ, डीसेन्ट वर्क टेकनिकल टीम सपोर्ट टीम, साउथ एशिया और कंट्री ऑफिस, भारत ने अपने विचार प्रस्तुत किए। प्रोफेसर अजीत के चतुर्वेदी, डायरेक्टर, आईआईटी रूड़की ने कहा, ‘‘आईआईटी रूड़की को सालाना लेबर इकोनोमिक्स सम्मेलन का आयोजन करते हुए बेहद खुशी का अनुभव हो रहा है। सम्मेलन के दौरान महामारी के बाद के दौरान श्रमिकों के रोज़गार, माइग्रेशन, विकास और उनके हितों की सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की जाएगी।’ प्रोफेसर अलख एन. शर्मा, प्रेज़ीडेन्ट, 62वें आईएसएलई सम्मेलन ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा, ‘‘युवाओं के बेरोज़गारी की समस्या भारत में बड़ी चुनौती है, खासतौर पर अगर पढ़े लिखे युवाओं को नौकरी न मिले। समय के साथ यह समस्या लगातार बढ़ रही है और वर्तमान में यह आंकड़ा 25 फीसदी है। अगर भारत को 2030 तक सभी को रोज़गार देने के एसडीजी लक्ष्यों को पूरा करना है तो आने वाले सालों में इस मुद्दे को हल करना बहुत ज़रूरी है।’ सोसाइटी के प्रेज़ीडेन्ट प्रोफेसर दीपक नायर ने कहा, ‘‘इंडियन सोसाइटी ऑफ लेबल इकोनोमिक्स, श्रम, रोज़गार एवं विकास के क्षेत्र में सक्रिय अकादमिकज्ञों, शोधकर्ताओं और अन्य हितधारकों का पेशेवर संगठन है। सोसाइटी की स्थापना 1957 में वैज्ञानिक अध्ययन को बढ़ावा देने तथा श्रम बाज़ार, रोज़गार संबंधी विषयों पर जानकारी के प्रसार के लिए की गई।’
रुड़की– देश में डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया जाता है क्योंकि एक डॉक्टर किसी भी मरीज़ को अपनी सूझ बूझ से नयी जिंदगी दे सकता है। लेकिन कुछ लोगों ने डॉक्टर के पेशे को बदनाम करने का काम भी किया है इसी के चलते लोगों का अब डॉक्टर रूपी भगवान से भरोसा ही उठ गया है क्योंकि लोगों ने डॉक्टर के पेशे को अब धंधा बना कर रख दिया है चप्पे चप्पे पर अब एक नही कई डॉक्टर बैठे मिल जाते है जिनके पास न तो डॉक्टर की डिग्री होती है और न ही अनुभव, महज़ पैसा कमाने के चक्कर में ये लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रुड़की और आसपास के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अब अस्पताल खोले जा रहे है लेकिन कमाल की बात यह है कि इन अस्पतालों में कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं मिलता ज्यादातर इस तरह के हॉस्पिटल बिना डॉक्टरों के ही संचालित किए जा रहे है जिनका मकसद सिर्फ पैसा कमाना है। कुछ लोग जो किसी डॉक्टर के पास हेल्पर के रूप में काम कर रहे है वे भी अब अपना निजी अस्पताल खोलकर लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करते नजर आ रहे है। आपको बता दे यह कोई पहला मामला नही है जो सामने आया है स्वास्थ विभाग ने इस तरह के अस्पतालों पर पहले भी कार्यवाही की है। लेकिन अब रुड़की व आसपास के क्षेत्रों में इस तरह के अस्पताल तेजी से खोले जा रहे है इन अस्पतालों में कुछ लोगों की सांठगांठ के चलते मरीजों को भी भर्ती कराया जा रहा है भर्ती कराए गए मरीज़ से मोटी रकम भी वसूली जाती है।सवाल यही है कि क्या अब इन अस्पतालों की भनक विभाग को नही लग रही है जबकि गली मोहल्लों में इस तरह के क्लीनिकों की भरमार लगी हुई है जो मरीजों से मोटी रकम वसूलने के साथ-साथ उनकी जान से भी खिलवाड़ कर रहे है। समय रहते अगर इन फर्जी डाक्टरों और अस्पतालों पर नकेल नही कसी गई तो बहुत से लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ेगा।
रुड़की l श्री वैश्य अग्रवाल सभा राजेन्द्र नगर रुड़की की मासिक बैठक का आयोजन आज सभा की सदस्या श्रीमति ऊषा गुप्ता के श्रीएनक्लेव स्थित आवास पर सम्पन्न हुआ। बैठक का प्रारंभ गायत्री मंत्र के जाप के साथ हुआ। सभा के प्रचार मंत्री पद पर सुभाष चंद्र अग्रवाल का चयन सर्व सहमति से हुआ व सभी सदस्यों ने उनका स्वागत किया। बैठक में वैश्य समाज के उत्थान हेतु विचार विमर्श हुआ जिसमें सभी उपस्थित सदस्यों द्वारा अपने अपने विचार प्रकट किए। चूंकि आज श्री राम नवमी का भी अवसर है, इस उपलक्ष में ऊषा गुप्ता के द्वारा सुंदर भजन का गायन किया गया। शांति पाठ के साथ बैठक का समापन हुआ और सबके मंगल की कामना की गई। इस अवसर पर सभा के संरक्षक जी० डी० गुप्ता, अध्यक्ष डा० अरविंद मित्तल, कोषाधयक्ष एडवोकेट प्रभात अग्रवाल, मंत्री दीपांकर गुप्ता, कुंवर कुलदीप, इंदु देवी, सुरेश शास्त्री, अजय कुमार गुप्ता, नीरज गुप्ता, विशेष कुमार तायल उपस्थित रहे।
रुड़की पुरानी तहसील स्थित अभी दो दिन पहले एक कारखाने में अचानक से देर रात आग लग गई थी आग इतनी भयंकर थी कि दमकल को बुझाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आग जिस जगह लगी थी वह बहुत ही सक्रिय गली बताई जा रही है जहां पर एक व्यक्ति ने अपना कारखाना बना रखा था अब सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रही है जिसमें लोग अफरातफरी में भागते हुए नजर आ रहे हैं क्योंकि आग जिस जगह लगी थी वह एक बस्ती बताई जा रही है और कारखाने के चारों और घरों की भरमार है कुछ लोग तो अपने घरों की छत से ही आग बुझाने की कोशिश करते नजर आए लेकिन आग ने इतना भयंकर रूप अपना लिया था कि उसको बुझाना मुश्किल होता जा रहा था समय रहते फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू तो पा लिया लेकिन जिस तरह से इस कारखाने में आग लगी और आग ने भयंकर रूप अपना लिया गनीमत रही कि इस दौरान आसपास रहने वाले लोगों की जान बच गई क्योंकि वीडियो में साफ सुना जा सकता है कि लोग किस तरह से चीखते चिल्लाते नजर आ रहे हैं यह अपने आप में एक विचलित करने वाला दृश्य है अब देखना यह होगा कि फायर ब्रिगेड इस पर किस तरह का एक्शन लेता है क्योंकि फायर ब्रिगेड को भी पहुंचने में काफी मशक्कत का सामना करना पड़ा गली बहुत ही छोटी बताई जा रही थी लेकिन बावजूद फायर ब्रिगेड ने साहस का परिचय देते हुए आग पर काबू पा लिया
रूड़की, 9 अप्रैल, 2022: केन्द्रीय श्रम एवं रोज़गार मंत्री श्री भुपेन्द्र सिंह यादव इंडियन सोसाइटी ऑफ लेबर इकोनोमिक्स के 62वें सालाना लेबर इकोनोमिक कॉन्फ्रैन्स का उद्घाटन करेंगे, जिसका आयोजन 11-13 अप्रैल 2022 को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी रूड़की (आईआईटी रूड़की) में किया जाएगा। तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन आईआईटी रूड़की के डिपार्टमेन्ट ऑफ हृमेनिटीज़ एण्ड सोशल साइन्सेज़ द्वारा होगा, इस मौके पर जाने-माने दिग्गज एवं विशेषज्ञ मौजूद रहेंगे। आईएसएलई के सालाना सम्मेलन का आयोजन 1958 के बाद से हर साल किया जा रहा है। हालांकि कोविड महामारी के चलते 2020 और 2021 में यह आयोजन नहीं हो सका। कोविड के बाद यह देश का सबसे बड़ा अकादमिक आयोजन होगा। इस साल सम्मेलन में चर्चा के विषय होंगे- रोज़गार की चुनौतियां; माइग्रेशन और विकास; तथा श्रमिकों की सुरक्षा। इसके अलावा सम्मेलन से पहले 10 अप्रैल 2022 को ‘कार्य के भविष्य’ विषय पर एक सिम्पोसियम का आयोजन भी किया जाएगा, जिसमें दक्षिणी देशों के प्रख्यात विशेषज्ञ हिस्सा लेंगे। प्रोफेसर अजीत के चतुर्वेदी, डायरेक्टर, आईआईटी रूड़की ने कहा, ‘‘आईआईटी रूड़की को इस प्रतिष्ठित सालाना सम्मेलन का आयोजन करते हुए बेहद खुशी का अनुभव हो रहा है। हमारे परिसर में आयोजित अस सम्मेलन में जाने-माने अर्थशास्त्री हिस्सा लेंगे, और हमारे अध्यापकों और छात्रों को उनसे बातचीत करने का अवसर मिलेगा।’ प्रोफसर दीपक नायर, प्रेज़ीडेन्ट, इंडियन सोसाइटी ऑफ लेबर इकोनोमिक्स एवं पूर्व वाईस- चांसलर, दिल्ली युनिवर्सिटी ने कहा, ‘‘तकनीक में बदलाव के चलते श्रम के कार्य के भविष्य में नई चुनौतिया उबर रही है, जिनसे निपटने के लिए शिक्षा और कौशल में बदलाव लाना बहुत ज़रूरी है। यह सम्मेलन भारत एवं दुनिया भर के संदर्भ में इन चुनौतियों पर रोशनी डालेगा।’ प्रोफेसर अलख एन. शर्मा, सम्मेलन के प्रेज़ीडेन्ट एवं डायरेक्टर, इंस्टीट्यूट ऑफ हृमन डेवलपमेन्ट, नई दिल्ली ने कहा, ‘‘यह सम्मेन भारत के कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर रोशनी डालेगा और श्रमिकों के लिए रोज़गार सृजन, माइग्रेशन एवं सामाजिक सुरक्षा जैसे पहलुओं पर नीति निर्माण पर चर्चा को बढ़ावा देगा। यह सम्मेलन श्रम, रोज़गार एवं विकास से जुड़े इन सभी मुद्दों के लिए सबसे महत्वपूर्ण मंच है।’ प्रोफेसर एस. पी. सिंह, डिपार्टमेन्ट ऑफ हृमेनिटीज़ एण्ड सोशल साइन्सेज ने कहा, ‘‘यह सम्मेलन अकादमिकज्ञों और नीति निर्माताओं को उत्कृष्ट मंच प्रदान करेगा, जहां उन्हें श्रम से जुड़े मुद्दों और नीतियों पर अपने विचार प्रस्तुत करने का मौका मिलेगा। भारत के बाहर से कई विशेषज्ञों सहित लगभग 500 प्रतिभागी सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। प्लेनेरी एवं टेकनिकल सत्रों के अलावा मैमोरियल लैक्चर्स, पैनल चर्चाएं भी होगी। इसके अलावा ‘उत्तराखण्ड में आजीविकास एवं रोज़गार के सुधार’ पर एक सिम्पोसियम भी सम्मेलन का आकर्षण केन्द्र होगा। यह सिम्पोसियम उत्तराखण्ड के पहाड़ों में आजीविका के विकल्पों की कमी के चलते श्रमिकों के माइग्रेशन के मुद्दे पर रोशनी डालेगा। क्षेत्र से लोगों के माइग्रेशन को रोकने के लिए ज़यरी नीतियों पर चर्चा एवं बहस की आवश्यकता पर ज़ोर देगा।’’