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आईआईटी रुड़की (IIT) और Y. B.(वाय. बी) वैज्ञानिक अनुसंधान एवं विकास (R&D) समाधान संयुक्त रूप से अपशिष्ट पॉलीथीन के पुनर्चक्रण के लिए ‘PRAYASPR’ विकसित किया

रुड़की, 09, 04, 2022: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की (IIT रुड़की) और Y. B.(वाय. बी) वैज्ञानिक अनुसंधान एवं विकास समाधान, रुड़की, ने संयुक्त रूप से ‘PRAYASPR’ विकसित किया। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें पर्यावरण के अनुकूल पद्धति से अपशिष्ट पॉलीथीन पैकेट / दूध के पैकेट और तेल के पैकेट द्वारा सीमेंट मुक्त पेवर ब्लॉक और वॉल टाइल्स का उत्पादन किया जाता है। विकास के लिए अपशिष्ट प्लास्टिक का इस्तेमाल एक बाइंडर के रूप में और अपशिष्ट पत्थर की धूल को कुछ विषैले ( Dying) रसायनों के साथ एडिटिव्स (योजक) के रूप में इस्तेमाल किया गया है। ‘PRAYASPR’ तकनीक कंक्रीट पेवर ब्लॉकों से संबंधित CO2 पदचिह्न को लगभग एक तिहाई कम कर देती है। इन उत्पादों में बेहतर इंटरलॉकिंग होने के साथ ये आकर्षक रूप वाले तथा लम्बे चलने वाले होते हैं। ये नॉन-ब्रेकेबल हैं और इनका उचित पुनर्विक्रय मूल्य है।

एक पेवर ब्लॉक तैयार करने के लिए लगभग 250 ग्राम अपशिष्ट प्लास्टिक का उपयोग किया जाता है और 1 वर्ग फुट सतह क्षेत्र को कवर करने के लिए लगभग 1.5 किलोग्राम अपशिष्ट प्लास्टिक की आवश्यकता होती है। पेवर ब्लैक की उत्पादन लागत लगभग 45 रुपये प्रति वर्ग फुट है जो बाजार में उपलब्ध पारंपरिक पेवर ब्लॉक की तुलना में अत्यधिक प्रतिस्पर्धी है। प्रति पीस, उत्पादन मूल्य लगभग 7-8 रुपये है। पेवर ब्लॉकों की तुलना में टाइलें अधिक किफायती होंगी, प्रति वर्ग फुट उत्पादन लागत लगभग 14 रुपये ही होगी। छोटे और बड़े दोनों पैमाने पर उत्पादन मॉड्यूल क्रमशः 25 लाख रुपये और 40 लाख रुपये के प्रारंभिक पूंजी निवेश के साथ उपलब्ध है। छोटे पैमाने के संयंत्रों के लिए पेबैक अवधि क्रमश: 3.5 वर्ष और बड़े पैमाने के संयंत्रों के लिए 2.5 वर्ष है।

टीम के सदस्यों में प्रो. प्रसेनजीत मंडल, श्री हेमंत गोयल, नवनीता लाल, केमिकल इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी रुड़की और श्री यश दुआ, वाई.बी. वैज्ञानिक अनुसंधान एवं विकास समाधान रुड़की, रामनगर शामिल थे।
प्रक्रिया के बारे में बताते हुए, प्रोफेसर, अजीत के चतुर्वेदी, निदेशक, आईआईटी रुड़की, ने बताया, ‘PRAYASPR’ तकनीक आईआईटी (IIT)
रुड़की की एक स्वामित्व वाली तकनीक है। प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (संशोधन) नियम 2021 के अनुसार अपशिष्ट उत्पादकों द्वारा प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन के लिए यह एक आकर्षक विकल्प हो सकता है। ‘PRAYASPR’ की आवश्यकता बताते हुए, यश दुआ, वाई.बी. वैज्ञानिक आर एंड डी सॉल्यूशन रुड़की, रामनगर ने कहा, “भारत में उत्पन्न प्लास्टिक अपशिष्ट वर्ष 2019-20 में 21% से अधिक की वार्षिक वृद्धि के साथ 34 लाख टन के करीब था, साथ ही इस प्लास्टिक कचरे में कम घनत्व वाली पॉलीथीन (एलडीपीई) होती है जो सीवर लाइनों को चोक करके समस्या पैदा करती है। इसके अलावा, भारत में अपशिष्ट प्लास्टिक हानिकारक पर्यावरणीय परिणाम उत्पन्न करने वाली उचित प्रबंधन तकनीकों की कमी के कारण परिदृश्य पर व्यापक रूप से कूड़े का निर्माण करता है। इस प्रकार, अपशिष्ट प्लास्टिक प्रबंधन के लिए एक स्थायी मार्ग की आवश्यकता थी जिसे आईआईटी रुड़की के तत्वावधान में PRAYASPR के साथ समझने का प्रयास किया गया है।”

टीम के सदस्य, प्रो. प्रसेनजीत मंडल, केमिकल इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी रुड़की, ने बताया कि, “तकनीक में टिकाऊपन देने वाले सीमेंट रहित पेवर ब्लॉक के विकास के लिए अपशिष्ट पॉलीथीन पैकेटों का पुनर्चक्रण आवश्यक है। प्लास्टिक के पैकेटों को पहले ग्रेन्यूल्स के रूप में काटा जाता है फिर उन्हें एडिटिव्स के साथ मिश्रित करके नरम करके एक घोल बनाया जाता है, जिसे बाद में ब्लॉक बनाने के लिए हाइड्रोलिक प्रेस में ढाला जाता है। उत्पादों का उपयोग पर्यावरण के अनुकूल तरीके से परिसर, स्मारक परिसर, परिदृश्य, सार्वजनिक उद्यान और पार्क, घरेलू ड्राइव, रास्ते और फर्श की टाइलों के निर्माण में किया जा सकता है”।

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एनएसएस आईआईटी रूड़की ने आयोजित किया सस्टेनेबिलिटी कॉन्क्लेव 2022 उत्तराखण्ड के माननीय मुख्यमंत्री ने टेक सारथी का किया लॉन्च

रूड़की, 8 अप्रैल, 2022: नेशनल सर्विस स्कीम इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी रूड़की (एनएसएस आईआईटी रूड़की) ने आज सस्टेनेबिलिटी कॉन्क्लेव 2022 का आयोजन किया। जिसका विषय था ‘यर्निंग फॉर वायबिलिटी’। जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण संरक्षण, उर्जा संकट और जल की कमी जैसे मुद्दों और इनके समाधानों पर चर्चा करना सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य था। सम्मेलन के माध्यम से ऐसे प्रतिभाशाली दिग्गजों और अनुसंधानकर्ताओं को एक ही मंच पर लाने का प्रयास किया गया, जो इन क्षेत्रों में विशेषज्ञता और दक्षता रखते हैं। सम्मेलन ने मानवमात्र के प्रति समाननता को बढ़ावा देकर सभी के लिए बेहतर एवं स्थायी भविष्य की दिशा में संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में प्रयासों को प्रोत्साहित किया।
कार्यक्रम के दौरान उत्तराखण्ड के माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे। रूड़की के एमएलए श्री प्रदीप बत्रा भी इस अवसर पर माननीय अतिथि के रूप में मौजूद रहे।
इसके अलावा स्वामी यतिन्द्रानंद गिरी, जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर और श्री यतीशवरानंद, पूर्व केबिनेट मंत्री, उत्ततराखण्ड सरकार भी मौजूद थे।
कॉन्क्लेव को सतत विकास के लिए सम्मेलनों में विभाजित किया गया था, जिसके बाद दीर्घकालिक स्थायित्व के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए आधुनिक रणनीतियों पर चर्चा की गई। साथ ही विभिन्न कार्यशालाओं, हैकाथॉन्स, आइडियाथॉन्स, केस स्डटी, पॉलिसी केस प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया गया।
टीएम एसएसएस आईआईटी रूड़की ने सस्टेनेबिलिटी कॉन्क्लेव के लिए अथक प्रयास किए हैं। इसके लिए स्टुडेन्ट वेलफेयर आईआईटी रूड़की के डीन प्रोफेसर मुकेश कुमार बरूआ, एसोसिएटन डीन ऑफ स्टुडेन्ट वैलफेयर प्रोफेसर अनिल कुमार गौरीशेट्टी और उनके फैकल्टी अडवाइज़र प्रोफेसर प्रेमलता जेना का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। कॉन्क्लेव का नेतृत्व महासचिव उज्जवल कुमार और उनकी टीम के द्वारा किया गया, टीम के कुछ सदस्यों में अनुराग सक्सेना, वेदांत मेशरम और रमन यादव शामिल थे। छात्रों ने आयोजन को सफल बनाने के लिए कड़ी मेहनत की। रक्तदान अभियान के लिए वंश रूहेला और कृतिन अग्रवाल ने योगदान दिया और इसे सफल बनाया। साहिल, बलजीत और प्रतीक ने ‘रन फॉर सस्टेनेबिलिटी’ का नेतृत्व किया, इस कार्यक्रम के माध्यम से परिसर में स्थायित्व का संदेश दिया गया।
इसके अलावा स्थापना के 175वें वर्ष के उपलक्ष्य में संस्थान ने टेक सारथी का प्रदर्शन किया, आईआईटी रूड़की की यह पहल रूड़की में और आस-पास के क्षेत्रों में ओद्यौगिक युनिट्स को समर्थन देती है। टेक सारथी योजना का आधिकारिक लॉन्च उत्तराखण्ड के माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने किया, यह पहल उद्योगों को आधुनिक तकनीकी समाधान अपनाने, उनके विकास तथा ‘लोकल टू ग्लोबल’ के लक्ष्यों को साकार करने में मददगार होगी।

इस पहल के तहत ओद्यौगिक युनिट्स की मौजूदा टेक्नोलॉजी के मूल्यांकन, समस्याओं के लिए व्यवहारिक समाधानों की प्रस्तावना पर विचार विमर्श किया जाएगा, इसके लिए विभिन्न सुझाव दिए जाएंगे। तदनुसार उद्योग आधुनिक तकनीकों या स्थायित्व को अपनाकर सुधार ला सकेंगे। आईआईटी रूड़की उद्योग जगत को आई-स्टैम पोर्टल के ज़रिए अपनी आर एण्ड डी सुविधाएं भी उपलब्ध कराएगा। लॉन्च के दौरान प्रोफेसर अक्ष्य द्विवेदी ने टेक सारथी पर एक प्रेज़ेन्टेशन दी, जिसमें हीरो मोटोकोर्प लिमिटेड, रॉकमैन इंडस्ट्रीज़, नैपिनो इंडस्ट्रीज़, एजीआई इंडस्ट्रीज़, रेप्रोग्राफिक्स इंडिया, ज़ेनिथ इंडस्ट्रीज़, ऑक्सो पॉलिमर्स, जयसंशुमेडीकेयर, सेनाटे लेबोरेटरीज़, पेसिफिक डायनामिक्स, फास्ट फार्मा प्रा. लिमिटेड, ईयाप्रो ग्लोबल लिमिटेड के प्रतिनिधि मौजूद थे।
उत्तराखण्ड के माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, ‘‘
प्रोफेसर अजीत के चतुर्वेदी, डायरेक्टर, आईआईटी रूड़की, ने कहा, ‘‘हमें खुशी है कि माननीय मुख्यमंत्री जी ने हमारी दो सबसे मुख्य पहलों का लॉन्च किया है। सस्टेनेबिलिटी कॉन्क्लेव हमारे छात्रों की उल्लेखनीय गतिविधि है, वहीं टेक सारथी एक ऐसी पहल है जो स्थानीय उद्योग को आईआईटी रूड़की से जोड़ती है। उम्मीद है कि टेक सारथी हमारे उद्योग को अपग्रेड करने में क्रान्तिकारी भूमिका निभाएगी।’’
कार्यक्रम का समापन आईआईटी रूड़की के डिप्टी डायरेक्टर प्रोफेसर एम. परीदा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

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रिश्वत लेते तहसील में एक कर्मचारी को विजिलेंस ने किया गिरफ्तार

रिपोर्ट: शादाब अली: रुड़की

रुड़की तहसील में तैनात एक सरकारी कर्मचारी के द्वारा एक व्यक्ति से रिश्वत मांगना इतना भारी पड़ गया कि उस व्यक्ति ने उसकी शिकायत विजिलेंस देहरादून को कर दी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रुड़की तहसील में कानूनगो की पोस्ट पर तैनात एक कर्मचारी ने एक व्यक्ति से 143 कराने के एवज में रिश्वत की मांग की और रिश्वत न देने पर उसकी 143 करने से मना कर दिया जिसके बाद पीड़ित ने उसकी शिकायत विजिलेंस में की विजिलेंस ने आज रुड़की तहसील में जाल बिछाते हुए कानूनगो को ₹15000 की रिश्वत के साथ गिरफ्तार कर लिया जिसके बाद पूरे तहसील में हड़कंप मच गया जानकारी के अनुसार मंडावली गांव निवासी प्रदीप ने अपनी भूमि किसी को कार्य के लिए किराए पर दी थी कार्य शुरू करने के लिए जमीन की 143 करानी थी लेकिन बताया गया कि 143 करने के लिए कानूनगो के द्वारा रिश्वत की मांग की पीड़ित ने पूरे मामले की शिकायत देहरादून विजिलेंस को कर दी जिसके बाद विजिलेंस ने तहसील में कार्रवाई करते हुए कानूनों को ₹15000 रिश्वत के साथ गिरफ्तार कर लिया तहसील में अभी कानूनगो से पूछताछ की जा रही है जिसके बाद टीम उसको देहरादून ले जाकर आगे की कार्रवाई करेगी इस दौरान तहसील प्रांगण में काफी भीड़ जमा हो गई थी

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खानपुर से पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने कहा जनता का जनादेश मुझे स्वीकार!

रिपोर्ट: शादाब अली: रुड़की

रुड़की खानपुर से पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन आज पत्रकारों से रूबरू होते हुए कहा जनता का जनादेश उनको स्वीकार है बड़ी बेबाकी के साथ उन्होंने कहा पत्रकार और उनका चोली दामन का साथ है जो पिछले दिनों मतभेद हो गए थे वह एक बड़े परिवार में होता रहता है क्योंकि पत्रकार और हम एक ही सिक्के के दो पहलू हैं इसलिए पुराने मतभेद को भुलाकर नए सिरे से आगे बढ़ा जाएगा क्योंकि मैंने कभी भी मन से अपने पत्रकार भाइयों का कोई अपमान नहीं किया है वह कुछ चीजें हो गई थी जिसमें आपसी भाईचारा खराब हो गया था गुस्से में मुंह से कुछ ऐसी चीजें निकल जाती हैं जो निकलनी नहीं चाहिए अगर उस वार्ता के दौरान मेरे कुछ साथी आहत है तो मैं उस बात को लेकर अपने आप भी दुख प्रकट करता हूं क्योंकि आप लोग मेरे भाई हैं आपका सम्मान मेरा सम्मान है और आपका अपमान मेरा अपमान है कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन ने कहा कि खानपुर क्षेत्र से वह अपने आप को हारे हुए नहीं मानते ठीक है राजनीतिक नतीजे कुछ भी हो जाए लेकिन मैं समाजसेवी हूं और समाज सेवा के नाते मुख्य सेवक था और मुख्य सेवक रहूंगा उन्होंने कहा जिस तरह से उनके प्रयासों से रुड़की लक्सर मार्ग बना है वह अपने आप में एक इतिहास है हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक जी के प्रयासों से मुझे यह काम करने का अवसर मिला लेकिन जिस तरह से मुझे क्षेत्रवासियों ने कहा कि रोड के और जो नाला बनाया गया है उसमें पानी निकासी हो रहा है तो उन्होंने तुरंत ही नेशनल हाईवे के अधिकारियों को मौके पर बुलाया और कहा कि दो दिन के अंदर यह कार्य पूरा हो जाना चाहिए और हमेशा मैं जनता के लिए 24 घंटे उपलब्ध रहूंगा उन्होंने कहा जिस तरह से रुड़की बस स्टैंड को हरिद्वार में शिफ्ट किया गया उनको जैसी ही इस बात की सूचना मिली उन्होंने तुरंत ही परिवहन मंत्री से वार्ता की और मंत्री ने उनकी बात को सुनते हुए तुरंत ही बस स्टैंड का विलें रुकवाया और अधिकारियों पर नाराज भी हुए यह अगर कोई कह रहा है कि आदेश उनके कहने पर निरस्त हुआ है तो यह सरासर सही नहीं है

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रुड़की बस स्टैंड शिफ्ट का मामला आखिर क्यों नहीं पता चला जनप्रतिनिधियों को!

रिपोर्ट: शादाब अली: रुड़की

रुड़की एक तरफ प्रत्येक राज्य में केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा विकास के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे है लेकिन उत्तराखंड में उसका उल्टा ही देखने को मिल रहा है जहां एक और सिटी को मॉडल सिटी बनाने की बात की जा रही है और गांव को भी शहर जैसी सुविधा देने की सरकार के द्वारा बात की जाती रही है। वहीं उत्तराखंड सरकार के एक फैसले ने रुड़की व आसपास के क्षेत्रवासियों की निंदे उड़ा कर रख दी है। सरकार ने रुड़की में मौजूद बस स्टैंड को हरिद्वार शिफ्ट करने का निर्णय ले लिया है एक ओर जहां रुड़की को ज़िला बनाने की मांग की जा रही थी ताकि ज़िला बनने के बाद रुड़की में लोगों को सभी सुख सुविधाएं मिल सके। रुड़की में लोगों को सुख सुविधाएं तो क्या मिलती उल्टा यहां पर मौजूद बस स्टैंड को ही सरकार ने हरिद्वार शिफ्ट करने का फैसला ले लिया है। यह फैसला सरकार ने इतनी जल्दबाजी में लिया कि किसी भी जनप्रतिनिधि को इसकी जानकारी नही हो पायी। जब इस फैसले की जानकारी धरातल पर आने के बाद रुड़की व आसपास के क्षेत्र वासियों को मिली तो लोगों को बहुत बड़ा झटका लगा। क्योंकि रुड़की से बस स्टैंड शिफ्ट होने का मतलब यहां के लोगों का दर दर भटकने जैसा ही होगा। बस स्टैंड के रुड़की से शिफ्ट होने के बाद जो परेशानी लोगों को उठानी पड़ेगी शायद इसका अंदाजा सरकार को नही है या फिर उतराखंड सरकार को लोगों की परेशानी का ज्ञान तो बखूबी है लेकिन जानबुझकर अनजान बनी हुई है। क्योंकि सरकार तो आखिर सरकार है सरकार के मंत्री सरकारी गाड़ियों में सफर तय करते है उनको क्या पता आमजन रोजमर्रा की जिंदगी में कितनी कठिनाई झेल कर सफर तय करके अपनी मंजिल तक पहुंचता है। शायद तभी जनता की परेशानी के बारे में न सोचते हुए सरकार ने इतना बड़ा फैसला कर डाला।

वहीं दूसरी ओर कर्मचारी ने सरकार की इस फैसले के विरोध में धरने पर बैठ गए उन्होंने कहा जब तक सरकार अपना फैसला वापस नहीं लेगी तब तक वह लोग धरने पर बैठे रहेंगे क्योंकि सरकार ने कहीं ना कहीं रुड़की की जनता के साथ अनदेखी की क्योंकि यहां पर देहात क्षेत्र के साथ-साथ आईआईटी और अन्य बड़े संस्थान मौजूद हैं जिनमें छात्र छात्राएं शिक्षक ग्रहण करने के लिए आते हैं और उनको यहां से अब आने जाने में बड़ी दिक्कत होगी इसलिए बस अड्डे शिफ्ट करने का फैसला सरकार को जल्द से जल्द वापस लेना चाहिए

इस मौके पर उदयवीर, प्रवीन, विवेक, राज सिंह, राजकुमार, यशपाल राणा, श्रवण गोस्वामी, राजकुमार शर्मा, नरेंद्र, दिनेश कौशिक, राजेंद्र चौधरी, वेदपाल, बच्चन सिंह, आदि लोग मौजूद रहे

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हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण ने अवैध कॉलोनियों पर चलाया बुलडोजर अब एक्शन मोड में प्राधिकरण

रिपोर्ट: शादाब अली रुड़की

रुड़की,एचआरडीए संयुक्त सचिव के निर्देश के बाद प्राधिकरण द्वारा चलाए गए ध्वस्तीकण अभियान के अंतर्गत प्रथम चरण में भगवानपुर के पुहाना क्षेत्र में दो अवैध फ्लॉटिंग पर ध्वस्तीकण की कार्रवाई की। वहीं, कई अनाधिकृत निर्माण कार्यों पर भी ध्वस्तीकरण की जल्द कार्यवाही की बात कही गई हैl
एचआरडीए ने भगवानपुर, झबरेड़ा और रुड़की में अवैध प्लाटिंग को चिन्हित किया गया था। पिछले सप्ताह कार्यालय में संयुक्त सचिव अंशुल सिंह ने सहायक अभियंता डीएस रावत को अनाधिकृत निर्माण और अवैध प्लाटिंग पर कार्रवाई के दिशा निर्देश दिए थे। इसी को लेकर आज एचआरडी के सहायक अभियंता अपनी टीम के साथ भगवानपुर के पुहाना क्षेत्र में पहुंचे। जहां विभाग की ओर से अवैध प्लाटिंग को चिन्हित किया करने के बाद उन्हें नोटिस भी जारी किए थे लेकिन जब उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया तो विभाग द्वारा जेसीबी की मदद से फ्लॉटिंग को ध्वस्त किया गयाl कार्रवाई के दौरान अवर अभियंता संजीव अग्रवाल, रवि कुमार, गोविंद सिंह और सौरभ शामिल रहे।

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कलियर थाना क्षेत्र में बदमाशों ने लूट की वारदात को दिया अंजाम!

रिपोर्ट: शादाब अली: रुड़की

रुड़की कलियर थाना क्षेत्र में आए दिन बदमाशों के द्वारा किसी ना किसी वारदात को अंजाम दे दिया जाता है और वह वारदात को अंजाम देकर आसानी से फरार हो जाते हैं ऐसा ही एक मामला कलियर थाना क्षेत्र में आया है मेहवड़ पुल के समीप कुछ बदमाशों ने रुड़की से लौट रहे अंकुर सैनी पुत्र मांगेराम सैनी के साथ लूटपाट कर डाली, जैसे ही वह मेहवड़ पुल के समीप पहुंचे तो बदमाशों ने अंकुर सैनी की बाईक को टक्कर मारकर नीचे गिरा दिया और तमंचे के बल पर उसकी मोटरसाइकिल लूट कर फरार हो गए इससे पहले भी मेहवड़ पुल के समीप बदमाश कई वारदातों को अंजाम दे चुके हैं लेकिन बावजूद इसके पुलिस वहां पर मौजूद नहीं रहती!
रुड़की निवासी दो युवकों के मोबाइल फोन भी बदमाशों ने मेहवड़ पुल के समीप ही लूट लिए थे वह मामला भी अभी तक ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है अब देखना यह होगा आखिरकार कलियर पुलिस किस तरह से बदमाशों को पकड़ कर सलाखों के पीछे भेजती है या फिर बदमाश बेखौफ इस तरह से ही वारदातों को अंजाम देते रहेंगे!

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कांग्रेसी नेता ने कहा उत्तराखंड में होनी चाहिए मुस्लिम यूनिवर्सिटी

रिपोर्ट: शादाब अली: रुड़की

रुड़की, उत्तराखंड की राजनीति में भूचाल लाने वाला बयान जिसमें एक कांग्रेसी नेता के द्वारा कहा गया था कि उत्तराखंड में मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनाई जाए विधानसभा चुनाव के दौरान दिए गए इस बयान को बीजेपी ने हाथों-हाथ लिया और चुनाव में भरपूर इसका इस्तेमाल भी किया
इस बयान को देने वाले नेता कांग्रेस उत्तराखंड सरकार में पूर्व राज्य मंत्री रहे आकिल अहमद ने आज रुड़की में एक कांफ्रेंस कर कहा कि मैं अपने बयान पर कायम हूं और मैंने विधानसभा 2022 में कांग्रेस से टिकट मांगा लेकिन मुझे टिकट नहीं दिया जिसके बाद मैंने निर्दलीय ही पर्चा दाखिल किया लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने मेरा पर्चा वापस करा दिया और मैंने मुस्लिम यूनिवर्सिटी की मांग की थी जिसको लेकर बीजेपी ने काफी हंगामा भी किया मेरे द्वारा कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के सामने एक मांग रखी गई थी कि उत्तराखंड में एक मुस्लिम यूनिवर्सिटी होनी चाहिए बीजेपी ने कहा कि देवभूमि में मुस्लिम यूनिवर्सिटी कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी जिसको बीजेपी ने मुद्दा बनाया और कहा कि कांग्रेस मुसलमानों के वोट बटोर ना चाह रही है
कांग्रेसी नेता आकिल अहमद ने कहा कि हमारे द्वारा तो एक साधारण सी मांग की गई थी जिसमें हमने कहा था कि यहां पर शिक्षा के लिए एक शिक्षण संस्थान खोला जाए जिसमें मुस्लिम और सभी धर्म के बच्चे शिक्षा ग्रहण कर सकें! उन्होंने कहा जितनी यूनिवर्सिटी हमारे देश के अंदर हैं उसमें सभी समाज के बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं क्योंकि जिस तरह से यहां पर शिक्षण संस्थानों में फीस बहुत ज्यादा है तो उसको देखते हुए हमारे द्वारा एक मांग की गई थी कि सरकार के द्वारा सरकारी यूनिवर्सिटी खोलें और जिस में सर्व समाज के बच्चे पीस कम होने से पढ़ सकेंगे और सभी बच्चे शिक्षा ग्रहण कर सकें
उन्होंने कहा जो कांग्रेस के नेता मेरे ऊपर हार का ठीकरा फोड़ रहे हैं और उन लोगों का कहना है कि मुस्लिम यूनिवर्सिटी के दिए गए बयान के कारण प्रदेश में कांग्रेस हार गई है यह सब गलत है वह लोग पहले अपने गिरेबान में झांके उन नेताओं ने टिकट बेचने का काम किया है और अपने खास लोगों को टिकट बांटने का काम किया है उन्होंने कहा जो निष्ठावान कार्यकर्ता थे जिन लोगों ने 5 साल काम किया उन लोगों को दरकिनार किया गया और ऐसे लोगों को टिकट बांटे गए जो सिर्फ चापलूस थे कांग्रेसी नेता पूर्व राज्य मंत्री आकिल अहमद यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कहीं ना कहीं पैसे लेकर टिकट बांटे गए हैं और इसकी भी जांच होनी चाहिए! मेरे द्वारा कांग्रेस के बड़े नेताओं से यह मांग की गई है कि प्रदेश में एक मुस्लिम यूनिवर्सिटी होनी चाहिए जिसमें कांग्रेस को मेरा सहयोग करना चाहिए अगर पार्टी मेरा सहयोग नहीं करती तो मैं अपने निजी खर्चे से प्रदेश में एक यूनिवर्सिटी बनाऊंगा जिसमें सभी सर समाज के बच्चे शिक्षा ग्रहण कर सकें

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नलकूप खंड रुड़की में अभी लैपटॉप प्रकरण शांत भी नहीं हुआ था ! एक और प्रकरण आया सामने !

रुड़की जब व्यक्ति सरकारी नौकरी करने के लिए किसी विभाग में आवेदन करता है तो उसमें साफ लफ्जो में दर्शाया जाता है कि नौकरी पाने वाला व्यक्ति अपनी तहसील या फिर जिले में कार्य नहीं कर सकता क्योंकि कहीं ना कहीं उसके द्वारा पद का फायदा उठाकर अपने सहयोगी यों को लाभ भी पहुंचाया जाता है इसी को देखते हुए सरकारी विभाग में नौकरी करने वाला व्यक्ति अपनी तहसील या जिले से दूर रहकर ही नौकरी कर पाता है लेकिन रुड़की में तो कुछ और ही देखने को मिल रहा है नलकूप खंड रुड़की में तैनात ज्यादातर अपर सहायक अभियंता( जेई ) अपनी ही तहसील में नौकरी कर रहे हैं और सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अपर सहायक अभियंता अपने पद का दुरुपयोग भी कर रहे हैं उनके द्वारा अपने चहेतों को काम दिए जाने का मामला भी सामने आ रहा है ऐसा ही एक मामला रुड़की में देखने को मिला जो मूल रूप से इमली के रहने वाले हैं जो रुड़की तहसील में आता है लेकिन वह अपर सहायक अभियंता साहब तो सारे नियमों को ताक पर रखकर नौकरी कर रहे हैं क्योंकि जिस तरह से पहले तो वह अपने ही गांव में कार्य कर रहे थे लेकिन जब मामला ने तूल पकड़ा तो उन्होंने वहां से ट्रांसफर लेकर दूसरे गांव में चले गए सूत्र बताते हैं नलकूप खंड रुड़की में तकरीबन ऐसे 10 अपर सहायक अभियंता होंगे जो रुड़की तहसील के रहने वाले हैं और वह रुड़की तहसील में ही नौकरी कर रहे हैं इन लोगों को कहीं ना कहीं राजनीतिक संरक्षण की प्राप्त है क्योंकि बिना राजनीतिक संरक्षण के यह लोग तहसील में नौकरी नहीं कर सकते और इस वजह से नलकूप खंड राजनीति का अखाड़ा भी बना हुआ है क्योंकि किसी अधिकारी की हिम्मत नहीं इनको तहसील से हटाकर किसी और जगह पोस्टिंग कर दें अगर कोई अधिकारी ऐसा करता है तो उस पर बड़े बड़े लोगों के फोन भी तुरंत ही आ जाता है इससे अंदाजा लगाया जा सकता है यह अपर सहायक अभियंता कितनी पावर रखते हैं

अभी हाल ही में नलकूप खंड रुड़की में एक लैपटॉप प्रकरण सामने आया था जिसमें एक अपर सहायक अभियंता ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए बिना लैपटॉप खरीदे ही पेमेंट करा दिया था जब इसकी भनक वहां पर तैनात एसडीओ को लगी तो उन्होंने तुरंत ही एक लेटर जारी कर स्पष्टीकरण मांगा लेकिन स्पष्टीकरण मांगना एसडीओ को इतना महंगा पड़ गया की सूत्र बताते हैं अपर सहायक अभियंता ने आनन-फानन में एक एसोसिएशन की अपनी मीटिंग बुलाकर दबाव बनाने की भी कोशिश की और मीटिंग में कहा गया कि मामला दबा दिया जाए इनको राजनीतिक संगठनों के साथ साथ कई किसान संगठनों का भी समर्थन बताया जाता है क्योंकि कुछ दिन पहले ही एक किसान संगठन ने पूरे मामले को लेकर एक धरना प्रदर्शन भी किया था जो बताया जाता है अपर सहायक अभियंता के पक्ष में अब देखना यह होगा कि आखिरकार यह अधिकारी अपनी ही तहसील में नौकरी करते रहेंगे या फिर किसी दूसरी जगह इन अधिकारियों की तैनाती की जाती है

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कांग्रेसी नेता सचिन गुप्ता ने कहा अगर मुख्यमंत्री रुड़की से लड़ते हैं विधानसभा चुनाव तो वह उनके सामने चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार

रिपोर्ट :शादाब अली: रुड़की

रुड़की अभी हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने जा रही है वही बात की जाए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी विधानसभा खटीमा से अपना चुनाव तो हार गए लेकिन उनके नेतृत्व में पार्टी ने पूर्ण बहुमत हासिल कर इतिहास भी रच दिया क्योंकि जिस तरह से कहा जाता है उत्तराखंड में सिर्फ एक पार्टी एक ही बार सत्ता में रह सकती है उसी को तोड़ते हुए इस बार बीजेपी ने दूसरी बार सत्ता में वापसी की है जिस तरह से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी विधानसभा खटीमा से चुनाव हारे उनके लिए अब अपनी सीट छोड़ने के लिए कई विधायक तैयार हैं जिसमें अब रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा ने भी कह दिया कि मैं अपनी विधानसभा सीट रुड़की से इस्तीफा देकर पुष्कर सिंह धामी को चुनाव लड़ाना चाहता हूं अब यह तो हाईकमान और धामी को देखना होगा!

लेकिन उनकी इस बात का जवाब देते हुए कांग्रेसी नेता सचिन गुप्ता ने सीधे-सीधे मुख्यमंत्री को चुनाव लड़ने का न्योता स्वीकार करने के लिए कह डाला उन्होंने कहा अगर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रुड़की विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते हैं तो वह उनके सामने चुनाव लड़ेंगे अगर हाईकमान ने उन पर भरोसा और विश्वास जताया और मैं उनको दस हजार से अधिक वोटों से हराने का काम भी करेंगे अब देखना यह होगा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रुड़की से चुनाव लड़ते हैं या फिर वह किसी और सीट से अपनी किस्मत आजमा आएंगे लेकिन कांग्रेसी नेता सचिन गुप्ता ने उनके सामने चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर दी है