रुड़की, 11, 03, 2022: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की (आईआईटी रुड़की) ने, आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर अरुण के शुक्ला, को बीएसबीई विभाग के ऑडिटोरियम में, खोसला राष्ट्रीय पुरस्कार-2021 (विज्ञान) से सम्मानित किया। यह पुरस्कार आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर, ए के चतुर्वेदी, द्वारा प्रोफेसर अरुण के शुक्ला को जी प्रोटीन- कपल्ड रिसेप्टर्स (जीपीसीआर) की संरचना, कार्य और मॉड्यूलेशन को समझने में दिए उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया गया।
डॉ. शुक्ला ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी से बायोटेक्नोलॉजी में मास्टर (एमएससी) डिग्री प्राप्त की है। इसके बाद उन्होंने प्रो. हार्टमट मिशेल (नोबेल पुरस्कार विजेता, 1988) के मार्गदर्शन में जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट ऑफ बायोफिजिक्स में डिपार्टमेंट ऑफ़ मॉलिक्यूलर मेम्ब्रेन बायोलॉजी से पीएचडी पूरी की। उन्होंने अपना पोस्ट-डॉक्टोरल रिसर्च यूएसए में प्रो. बॉब लेफकोविट्ज़ (नोबेल पुरस्कार, 2012) और ब्रायन कोबिल्का (नोबेल पुरस्कार, 2012) के साथ किया। डॉ शुक्ला वर्तमान में आईआईटी कानपुर में बायोलॉजिकल साइंसेज और बायोइंजीनियरिंग विभाग में जॉय गिल चेयर प्रोफेसर हैं। उनका रिसर्च प्रोग्राम जी प्रोटीन- कपल्ड रिसेप्टर्स (जीपीसीआर) की संरचना, कार्य और मॉड्यूलेशन को समझने पर केंद्रित है, जो मानव जीनोम में कोशिका सतह रिसेप्टर्स का सबसे बड़ा परिवार है और वर्तमान में उपलब्ध दवाओं में से लगभग आधे का लक्ष्य है।
पुरस्कार प्रदान करने पर, आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. अजीत के चतुर्वेदी ने कहा, “मुझे इस बात की बहुत खुशी है कि प्रोफेसर अरुण कुमार शुक्ला विज्ञान श्रेणी में आईआईटी रुड़की के खोसला राष्ट्रीय पुरस्कार के विजेता हैं। वह देश के सबसे प्रतिभाशाली युवा वैज्ञानिकों में से एक हैं, जिन्होंने हमारे शरीर में कोशिकाओं की सतह पर स्थित प्रोटीन के सबसे बड़े वर्ग जी प्रोटीन- कपल्ड रिसेप्टर्स (जीपीसीआर) की संरचना, कार्य और मॉड्यूलेशन को समझने के लिए अपने व्यापक शोध के साथ राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। उनके शोध से कई मानव रोगों के इलाज के लिए न्यूनतम दुष्प्रभावों के साथ नावेल थेराप्यूटिक्स को विकसित करने में मदद मिलेगी।”
शोध के निष्कर्षों को स्पष्ट करते हुए, आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर अरुण के शुक्ला ने बताया, “ये जी प्रोटीन-कपल्ड रिसेप्टर्स (जीपीसीआर) लगभग हर शारीरिक प्रक्रिया में जटिल रूप से शामिल होते हैं और फ़िलहाल उपलब्ध दवाओं में से लगभग आधी दवाएं इन रिसेप्टर्स के माध्यम से ही अपना चिकित्सीय प्रभाव डालती हैं। हमारे शोध ने इस बात को स्पष्ट किया है कि चिकित्सकीय रूप से निर्धारित दवाएं कैसे रोगों के साथ परस्पर क्रिया करती हैं और मानव शरीर में उनके (सजातीय) कॉग्नेट रिसेप्टर्स के कार्य को नियंत्रित करती हैं। हमने पहले से अनप्रीशीऐटिड मेकनिज़म की भी खोज की है जिनका उपयोग जीपीसीआर कोशिकाओं के बाहर की जानकारी प्राप्त करने के लिए करते हैं और संदेश को सेल मेम्ब्रेन में प्रसारित करते हैं। अभी हाल ही में, हमने एंटीबॉडी के टुकड़े (फ़्रैगमेन्ट्स) जैसे सिंथेटिक प्रोटीन तैयार किए हैं जिनका उपयोग जीपीसीआर एक्टिवेशन और ट्रैफिकिंग को मॉनिटर करने के लिए किया जा सकता है, और सेलुलर संदर्भ (कॉन्टेक्स्ट) में जीपीसीआर सिग्नलिंग को रीवायर करने के लिए किया जा सकता है।”
आईआईटी रुड़की द्वारा डिपार्टमेंट ऑफ हाइड्रो रिन्यूएवेबल एनर्जी के प्रोफेसर अरुण कुमार को हाइड्रो एंड रिन्यूएवेबल एनर्जी पुरस्कार से सम्मानित किया !
हाइड्रोपॉवर : ऊर्जा के डिकार्बोनाइजेशन का सच्चा साथी रुड़की, 09, 03 ,2022 : इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी रुड़की (IIT Roorkee), द्वारा प्रोफेसर अरुण कुमार, डिपार्टमेंट ऑफ हाइड्रो रिन्यूएवेबल एनर्जी को आईआईटी रुड़की स्थित एचआरईडी सभागृह में हाइड्रो रिन्यूएवेबल एनर्जी पुरस्कार प्रदान किया गया। यह पुरस्कार ऐसे शोधकर्ता द्वारा जो कि हाइड्रो रिसोर्स एसेसमेंट, ऑप्टिमाइजेशन, इंटीग्रेशन और नई तकनीकी विकास आदि के क्षेत्र में दिए गए योगदान को मान्यता प्रदान करता है और इसका उत्सव मनाता है। प्रोफेसर अरुण कुमार वर्तमान में आईआईटी रुड़की के डिपार्टमेंट ऑफ हाइड्रो रिन्यूएवेबल एनर्जी में कार्यरत हैं, NEEPCO (नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पॉवर लिमिटेड) के चेयर प्रोफेसर हैं और इंटरनेशनल हाइड्रो पॉवर एसोसिएशन के बोर्ड मेंबर हैं। वे डिपार्टमेंट ऑफ हाइड्रो रिन्यूएवेबल एनर्जी के संस्थापक वैज्ञानिक हैं और इसके प्रमुख के रूप में 1998 से 2011 तक सेवाएं प्रदान कर चुके हैं। उनके नेतृत्व में डिपार्टमेंट ऑफ हाइड्रो रिन्यूएवेबल एनर्जी का विकास हुआ और यह स्मॉल हाइड्रो पॉवर (SHP) के क्षेत्र में श्रेष्ठता का केंद्र बना और राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठा प्राप्त की। उन्होंने IPCC (जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनल) की रिन्यूएवेबल एनर्जी की विशेष रिपोर्ट तैयार करने में योगदान कर सेवाएं प्रदान की। वे एनएचपीसी लिमिटेड के बोर्ड में स्वतंत्र निदेशक भी रहे।
पुरस्कार प्रदान करते हुए आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर अजीत के चतुर्वेदी ने कहा, – “नदियों, झीलों और हाइड्रो पॉवर के पर्यावरण प्रबंधन में गत 40 वर्षों से दिए गए योगदान के लिए प्रोफेसर अरुण कुमार को अत्यधिक प्रशंसा प्राप्त हुई। वे सच्चे अर्थों में यह पुरस्कार प्राप्त करने के लिए हर दृष्टि से अधिकारी हैं। प्रोफेसर अरुण कुमार का यह कार्य भारत सरकार के डिकार्बोनाइजेशन के महत्वपूर्ण लक्ष्य के समानांतर है”।
हाइड्रो पॉवर की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए आईआईटी रुड़की के डिपार्टमेंट ऑफ हाइड्रो रिन्यूएवेबल एनर्जी के प्रोफेसर अरुण कुमार ने कहा, – “राष्ट्रीय स्तर पर गैर जीवाश्म ऊर्जा क्षमता को 2030 तक 500 GW करने का लक्ष्य है तथा ऊर्जा के नए संसाधनों की सहायता से 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का भी लक्ष्य निर्धारित है, क्योंकि मौसम में उतार-चढ़ाव के कारण ऊर्जा उत्पादन में भारी परिवर्तन हो सकता है। इस प्रकार हाइड्रो प्लान्ट पर आधारित संग्रहण अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इनकी सहायता से हाई वेरिएबल सूर्य और पवन ऊर्जा को एकत्र कर पॉवर सिस्टम से जोड़ा जा सकता है। हाइड्रो पॉवर से विद्युत उत्पादन के अतिरिक्त अनेक लाभ हैं, जिनको ऊर्जा के क्षेत्र में डिकार्बोनाइजेशन के लिए सहभागिता संभव है”।
नलकूप खंड रुड़की में आखिरकार लैपटॉप प्रकरण क्यों बना चर्चा का विषय।
भ्रष्टाचार दिनों दिन बढ़ रहा है गरीब इंसान भ्रष्टाचार इस आग में जल रहा है।
रुड़की भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सरकार के द्वारा बड़े-बड़े दावे किए जाते है लेकिन यह दावे सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह जाते है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ऐसा ही एक मामला रुड़की नलकूप खंड में सामने आया है जहां अपर सहायक अभियंता के द्वारा दो लैपटॉप खरीदने के लिए आवेदन किया गया था लेकिन लैपटॉप खरीदे गए या नहीं जब इसकी जानकारी एसडीओ साहब को पता मिली तो उन्होंने तुरंत ही अपर सहायक अभियंता को एक नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा जिसमें दर्शाया गया कि आपके द्वारा दो लैपटॉप खरीदने के लिए आवेदन किया गया था लेकिन वे लैपटॉप अभी तक प्राप्त नही हुए। लेकिन कमाल की बात यह है कि उनका भुगतान करा दिया गया था।
जिस तरह से नलकूप खंड रुड़की में लैपटॉप प्रकरण सामने आया है यह विभाग में एक चर्चा का विषय बना हुआ है। अपर सहायक अभियंता ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए दो लैपटॉप के लिए लाखों रुपए की धनराशि प्राप्त की है जिस पर एसडीओ नलकूप रुड़की ने अपर सहायक अभियंता को एक लेटर जारी कर उनका स्पष्टीकरण मांगा जिसमें उनके द्वारा 1 सप्ताह का समय दिया गया था। लेटर की प्रतिलिपि सचिव सिंचाई उत्तराखंड शासन देहरादून को भी भेजी गई थी जिसमें उनके द्वारा दर्शाया गया था कि जो धनराशि अपर सहायक अभियंता ने प्राप्त की है यह कहीं ना कहीं नियम के विरुद्ध भी है इस पर कार्यवाही करते हुए जो धनराशि उनके द्वारा प्राप्त की गई है उसकी वसूली की जाए और इनके विरूद्ध शासन स्तर पर कार्यवाही भी की जाए। क्योंकि यह कहीं ना कहीं राजकीय क्षति है। अब देखना यह होगा आखिरकार अपर सहायक अभियंता के खिलाफ क्या कार्यवाही होती है या फिर पूरा मामला रफा-दफा कर दिया जाएगा।
जब इस विषय पर एसडीओ नलकूप खंड रुड़की से वार्ता की गई तो उन्होंने कहा मेरे द्वारा अपर सहायक अभियंता को लैपटॉप प्रकरण में नोटिस तो भेजा गया है लेकिन मैं इस मामले में बोलने अधिकृत नही हूं आपको इस विषय में बड़े साहब से बात करनी होगी क्योंकि वही इस विषय में आपको सही जानकारी दे पाएंगे ।
जिस तरह से पहले एसडीम साहब अपर सहायक अभियंता को नोटिस जारी करते है लेकिन बाद में वह उसी नोटिस पर भी बोलने से बचते नज़र आए इससे तो यही साबित होता है कि मामला कहीं ना कहीं अब दबाया जा रहा है।
महाराष्ट्र से हरिद्वार आए परिवार के लिए मुसीबत में फरिश्ता साबित हुई! सीपीयू पुलिस के दरोगा मुकेश कुमार और हेड कांस्टेबल मनोज शर्मा
रिपोर्ट: शादाब अली: रुड़की
रुड़की एक तरफ जहां शहर में सीपीयू की कार्यप्रणाली को लेकर हमेशा सवाल उठते रहे हैं वहीं सीपीयू कुछ लोगों के लिए फरिश्ता भी साबित हो रही है ताजा मामला रुड़की का है जहां महाराष्ट्र से आए एक गरीब परिवार को सीपीयू के जवानों ने उस समय बड़ी राहत दी जब वह भूखे प्यासे होकर हरिद्वार से लौट रहे थे पीड़ित दंपत्ति के पास घर लौटने के लिए कोई पैसा नहीं था पीड़ित परिवार का कहना था कि हम हरिद्वार तीर्थ यात्रा के लिए आए थे लेकिन गंगा में स्नान करते समय किसी ने उनका पर्स चोरी कर लिया जिसमें उनके हजारों रुपए मौजूद थे उन्होंने इधर काफी तलाश की लेकिन उनका खोया हुआ सामान वापस नहीं मिला जिसके बाद उन्होंने लोगों से मदद मांगी और उन्हें हरिद्वार से रुड़की तक बस में भेज दिया गया जब वह रुड़की पहुंचे तो सोलानी पार्क के पास सीपीयू को वाहन चेकिंग करते हुए देखा एक उम्मीद की किरण लेकर वह सीपीयू के पास जा पहुंचे जहां उन्होंने मदद की गुहार लगाई इस दौरान सीपीयू के दरोगा मुकेश कुमार और हेड कांस्टेबल मनोज शर्मा ने पीड़ित परिवार की सहायता की और उन्हें रेलवे स्टेशन तक पहुंचाया और उन्हें महाराष्ट्र जाने के लिए टिकट की भी व्यवस्था कराई
मदद मिलने के बाद पीड़ित परिवार ने भी सीपीयू का आभार जताया उन्होंने कहा जिस तरह से इस परेशानी में हमारी सीपीयू ने मदद की है वह हमारे लिए भगवान से कम नहीं है क्योंकि हम लोग काफी परेशानी से गुजरने के बाद हरिद्वार से रुड़की पहुंचे थे और यहां पर हम को पुलिस के द्वारा जो मदद की गई वह अपने आप में एक काबिले तारीफ है
माता पिता का झगड़ा एक तीन दिन की मासूम के लिए बना मुसीबत मां ने अपने से जुदा की अपनी नवजात बच्ची
ये दुनिया दिखावे की बनी हुई है, यहां अपने तो असली में है पर उनका अपनापन दिखावे का है।
रिपोर्ट शादाब अली रुड़की
रुड़की एक माता पिता का आपसी विवाद एक तीन दिन की मासूम बच्ची पर इतना भारी पड़ा कि उसकी मां ने बच्ची के पैदा होने के तीन दिन बाद ही उसे छोड़ कर जाने कठिन फैसला कर लिया। कहते है एक मां बाप के लिए उसकी औलाद जिगर का टुकड़ा होती है मां बाप अपनी औलाद के लिए अपनी जिंदगी दाव पर लगा देते है लेकिन अपने बच्चे पर आंच नही आने देते। लेकिन यहां मामला इसका उलट देखने को मिला।
दरअसल पूरा मामला सिविल लाइन कोतवाली क्षेत्र का बताया जा रहा है जहां एक युवक की शादी भगवानपुर थाना क्षेत्र में हुई थी। शादी के कुछ महीने बीत जाने के बाद ही दोनों पति-पत्नी में विवाद होने लगा था लेकिन यह विवाद इतना बढ़ जाएगा शायद इसका अंदाजा किसी को भी नही था। आपको बता दे तीन दिन पहले ही महिला ने एक बच्ची को रुड़की सिविल हॉस्पिटल में जन्म दिया है लेकिन इन तीन दिनों में ऐसा क्या हुआ कि एक मां अपनी नवजात बच्ची को छोड़कर अपने मायके चली गई। दुनिया में बहुत कम ऐसे मां बाप देखने को मिलते है जो अपने आपसी झगड़ो के कारण अपने बच्चों का भविष्य ख़राब कर देते है। इनमें से एक ये भी है जिन्होंने अपने अहंकार के कारण अपनी ही मासूम बच्ची की जिंदगी दाव पर लगा दी। सवाल यही है कि आखिर मां बाप अपनी गलतियों की सज़ा इस मासूम को क्यों दे रहे है। दोनों के आपसी झगड़े में इस तीन दिन की मासूम बच्ची का क्या कसूर था जिसे दुनिया में आते ही मां ने इतनी बड़ी सज़ा सुना दी कि बच्ची को रोता बिलखता छोड़कर मां अपने मायके जा बैठी। अफसोस इस मासूम को क्या पता था कि दुनिया में आते ही इसके हिस्से में मां बाप का दुलार नही बल्कि ठोकरें आयेंगी।
एक तरफ ज़ालिम मां बाप एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिए अपना आपसी विवाद सुलझाने को तैयार नही है वहीं दूसरी और नवजात बच्ची का बिना मां के दूध के रो-रोकर बुरा हाल बताया जा रहा है। लेकिन बेबस बच्ची के हालात पर कोई तरस खाने वाला नही है। मासूम का रोना बिलखना मां बाप दोनों को ही नज़र नही आ रहा है।
महिला का अपनी नवजात बच्ची को छोड़कर मायके जाने का मामला पुलिस तक भी जा पहुंचा लेकिन पुलिसकर्मी भी कही ना कही बच्ची को देखकर बेबस नज़र आए। लेकिन मामला जब सिविल लाइन कोतवाली प्रभारी निरीक्षक देवेंद्र चौहान तक पहुंचा तो वह तुरंत ही एक्शन लेते हुए बच्ची को मां तक पहुंचाने में लग गए। उन्होंने भगवानपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत नवजात बच्ची की मां की तलाश शुरू कर दी है। अब महिला किसी मजबूरी के तहत इस बच्ची को भगवान भरोसे छोड़कर गई है या अपनी मर्जी से यह तो जांच के बाद ही साफ हो पाएगा। लेकिन मां के वापस आने तक बच्ची किस हाल में रहेगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
चोरों के हौसले बुलंद एक मकान पर धावा बोलते हुए तीन लाख की नगदी और दो लाख के जेवरात पर किया हाथ साफ ! पुलिस जांच में जुटी
रिपोर्ट: शादाब अली रुड़की
रुड़की देर रात भारत नगर में चोरों ने एक मकान पर धावा बोलते हुए तीन लाख की नगदी और दो लाख के जेवर पर हाथ साफ कर दिया पीड़ित अब्दुल रशीद का कहना है कि वह भारत नगर का रहने वाला है और अपने परिवार के साथ ऊपर वाले कमरों में सो रहे थे लेकिन चोरों ने देर रात उसके मकान पर धावा बोलते हुए मकान में रखे हुए तीन लाख की नगदी और जेवरात पर हाथ साफ कर दिया जिसकी की कीमत दो लाख बताई जा रही है भारत नगर में इससे पहले भी चोरों ने चोरी की कई वारदातों को अंजाम दे रखा है लेकिन पुलिस के हाथ अभी तक खाली है इससे पहले चोर पुलिस के हत्थे चढ़े पाते चोरों ने एक और चोरी की बड़ी वारदात को अंजाम दे डाला जिस तरह से चोरी की गई है यह अपने आप में एक बड़ी चोरी बताई जा रही है अब देखना यह होगा चोर पुलिस के हत्थे चढ़ आते हैं या फिर पहले की तरह यह चोरी भी ठंडे बस्ते में डाल दी जाएगी
अब कहीं ना कहीं मोहल्ले वासियों कहते नजर आए हैं कि जिस तरह से रात में पुलिसकर्मियों को गश्त करना चाहिए वह नहीं हो पा रहा है रोजाना उनको चौकीदार की आवाज तो सुनाई देती है लेकिन रात में चेतक पर तैनात पुलिसकर्मियों की गाड़ी के हूटर की आवाज नहीं आती यह भी अपने आप में एक बड़ा सवाल है
जब इस विषय पर पुलिस के अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने कहा जल्द ही आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा और पूरे मामले का खुलासा भी किया जाएगा
रुड़की गंगनहर लोगों के लिए बनी मौत की नहर आए दिन कोई ना कोई नहर में डूब कर गवा देता है अपनी जान !
रिपोर्ट शादाब अली रुड़की
रुड़की शहर वैसे तो शिक्षा नगरी के नाम से जाना जाता है लेकिन शहर के बीचों बीच निकलने वाली गंगनहर भी इस शहर की सुंदरता में चार चांद लगाती है। इसी नहर के कारण रुड़की को मीनी लंदन भी कहा जाता है। लेकिन नहर अब लोगों के लिए मौत की नहर बनती जा रही है। जिस तरह से आए दिन नहर में लोगों के डूबने का सिलसिला जारी है जिसमें ज्यादातर युवक है यह एक चिंता का विषय है। प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है। आए दिन कोई न कोई युवक नहर में डूब कर अपनी जान गवा देता है वजह चाहे सेल्फी लेना हो या फिर नहर में नहाना। अभी हाल ही में कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश के दो युवकों की नहर में डूब कर मौत हो गई थी इससे पहले भी कई छात्र सेल्फी लेने के चक्कर में अपनी जान गवा चुके है। ऐसा ही एक मामला दिल्ली रोड स्थित एक स्कूल में 11वी कक्षा में पढ़ने वाले युवक का आया है जो छुट्टी लेकर अपने बाल कटाने गया था लेकिन कुदरत को और कुछ ही मंजूर था युवक वापस हॉस्टल न जाकर नहर किनारे चला गया। युवक को नहर में नहाने की ज़िद चढ़ी और नहर में कूद पड़ा उस युवक ने नहर में ऐसी छलांग लगाई कि फिर वापस बाहर न आ सका। युवक नागालैंड का रहने वाला था जिसको ढूंढने के लिए एसडीआरएफ टीम ने भी घंटों मशक्कत की लेकिन युवक का कोई सुराग नहीं लग पाया।
आपको बतादे नहर में डूबने वाले नागालैंड के छात्र के साथी ने बताया कि जब उसका दोस्त नहर में डूब रहा था तो वह उसको बचाने के लिए खूब चीख चिल्ला रहा था लेकिन किसी ने भी उसकी मदद नही की जिसके बाद युवक मदद के लिए स्पोर्ट्स एकेडमी आर्मी पर पहुंचा और उसने वहां पर तैनात जवानों से कहा कि उसका दोस्त नहर में डूब रहा है उसको बचा लीजिए। लेकिन सवाल यही है कि आर्मी एकेडमी से पहले ही जल पुलिस की चौकी पड़ती है क्या जल पुलिस चौकी में तैनात किसी भी पुलिसकर्मी को युवक की चीख-पुकार सुनाई नही दी या फिर वे सुनकर भी सुनना नही चाहते। जल पुलिस की चौकी नहर किनारे इसीलिए बनाई जाती है कि वहां पर तैनात जवान हर वक्त अपनी आंख और कान खुले रखे और होने वाले हादसे को भांपकर लोगों की मदद का प्रयास करे लेकिन रुड़की में इसके उलट ही पूरा मामला दिखाई दे रहा है। जिस तरह से लगातार नहर में डूबने की घटनाएं बढ़ती जा रही है और ज्यादातर घटनाएं जल पुलिस चौकी के आसपास ही होती है लेकिन मौके पर रुड़की की जल पुलिस न बुलाकर ऋषिकेश से एसडीआरएफ की टीम को बुलाया जाता है। ऋषिकेश से टीम को रुड़की आने में कई घंटों का समय लगता है इतने घंटे डूबने वाले के लिए परिजनों की सांसे अटकी रहती है। सवाल यही है कि आख़िरकार कब तक एसडीआरएफ के सहारे डूबने वालों को बचाने का सिलसिला इसी तरह से चलता रहेगा या फिर आला अधिकारी इसका संज्ञान लेते है। क्योंकि हरिद्वार स्थित जल पुलिस की एक यूनिट तैनात है जिस के पास सभी उपकरण मौजूद है लेकिन उसको ना बुला कर सीधा ऋषिकेश से टीम बुलाई जाती है इसके पीछे क्या कारण है यह तो प्रशासन ही साफ कर पाएगा।
सन्नी त्यागी बने कांग्रेस के महासचिव
रिपोर्ट: शादाब अली: रुड़की
रुड़की उत्तराखंड कांग्रेस लगातार अपने कार्यकर्ताओं को सम्मान देने में लगी हुई है जिसके चलते आज कांग्रेस युवा प्रदेश अध्यक्ष ने कार्यकारिणी का विस्तार करते हुए समिति सन्नी त्यागी को प्रदेश महासचिव पद से नवाजा सन्नी त्यागी पिछले काफी लंबे समय से कांग्रेस में रहकर कार्य कर रहे हैं उनकी पार्टी के प्रति निष्ठा को देखते हुए आज उनको प्रदेश महासचिव उत्तराखंड कांग्रेस बनाया गया है जिस पर सन्नी त्यागी ने प्रदेश हाईकमान का आभार व्यक्त करते हुए कहा जिस तरह से मुझ पर प्रदेश हाईकमान ने भरोसा जताया है मैं उस भरोसे और उम्मीद को कायम रखूंगा और हमेशा पार्टी के प्रति वफादार बनकर कार्य करूंगा
उन्होंने कहा जिस तरह से मैं एक ग्रामीण पृष्ठभूमि से आता हूं और मुझ पर हाईकमान ने भरोसा जताया है मैंने कभी सोचा नहीं था कि इस तरह से हाईकमान एक छोटे से कार्यकर्ता को इतना बड़ा सम्मान दे सकता है यह सिर्फ कांग्रेस में ही हो सकता है
चुनाव संपन्न होने पर दरगाह में मांगी चैन अमन की दुआ, शादाब आलम
रिपोर्ट: शादाब अली: रुड़की
रुड़की: कलियर विधानसभा से आम आदमी पार्टी उम्मीदवार इंजीनियर शादाब आलम ने चुनाव संपन्न होने पर साबिर पाक की दरगाह में जाकर अमन चैन की दुआ मांगी और चादर भी चढ़ाई उन्होंने कहा जिस तरह से क्षेत्र की जनता ने चयन अमन के साथ वोट देने का काम किया और आपस में इत्तेफाक बना कर भी रखा क्योंकि जिस तरह से लोग चुनाव के वक्त में एक दूसरे से रंजिश पैदा कर लेते हैं वह आने वाले समय में कहीं ना कहीं नुकसान देती है इसीलिए मैंने आज साबिर पाक की दरगाह में दुआ मांगी कि क्षेत्र की जनता ने आपसी भाईचारा कायम रखते हुए मतदान में हिस्सा लिया इंजीनियर शादाब आलम ने कहा जिस तरह से मैंने क्षेत्र की जनता से वादा किया था कि मैं इस चुनाव में ना तो किसी को शराब दूंगा मैं अपने वादे पर कायम रहा और क्षेत्र की सम्मानित जनता ने भी मुझे सहयोग किया मैं हमेशा कलियर विधानसभा क्षेत्र के लोगों का आभारी रहूंगा कि उन्होंने मुझ पर भरोसा जताया और मैं हमेशा उनके सुख-दुख में उनके साथ रहूंगा
मंगलौर से बसपा उम्मीदवार सरवत करीम अंसारी के पुत्र पर दलित युवक से मारपीट का आरोप !
रुड़की: मंगलौर से बसपा उम्मीदवार हाजी सरवत करीम अंसारी दोबारा से विधानसभा पहुंचने की उम्मीद लगाए बैठे हैं और वह अपने पक्ष में लोगों से वोट करने की अपील कर रहे हैं लेकिन यह तो मतदाताओं की मर्जी है कि वह अपना मत देकर किस को विजई बनाएगा
लेकिन यह बात शायद बसपा उम्मीदवार हाजी सरवत करीम अंसारी के लड़के को नागवार गुजरी कि आखिर कोई व्यक्ति उनकी बिना मर्जी के किसी और को कैसे वोट दे सकता है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ग्राम लिब्बरहेरी में एक दलित परिवार किसी दूसरी पार्टी के प्रत्याशी को वोट देने की बात कह रहा था जिस पर बसपा उम्मीदवार हा जी के पुत्र ने वहां पर पहुंचकर दलित समाज के एक युवक की पिटाई कर डाली जिसके बाद दलितों में भारी रोष देखने को मिल रहा है
क्षेत्र की जनता का कहना है कि वोट देना हर व्यक्ति का अपना अधिकार है वह किसी प्रत्याशी के पुत्र के कहने से क्यों वोट दें जो मतदाता को अच्छा लगेगा वह उसी को अपना वोट देगा
वहीं दूसरी ओर पीड़ित युवक का कहना है कि देर रात मेरे घर पर बसपा प्रत्याशी का लड़का आया और उसने कहा कि तू फिर से वापस बसपा ज्वाइन कर ले लेकिन मैंने उसको मना कर दिया कि मैंने इस बार कांग्रेस पार्टी जॉइन कर ली है जिसके बाद बसपा उम्मीदवार का पुत्र उसके साथ मारपीट और गाली-गलौज करने लगा युवक के शोर मचाने पर मोहल्ले वाले भी इकट्ठा हो गए इसके बाद मोहल्ले वालों ने उनसे पूछा कि इस टाइम तुम लोग यहां पर क्या कर रहे हो उसने कहा हम तो अपनी पार्टी का प्रचार कर रहे हैं लेकिन जब उन्होंने कहा प्रचार तो आज शाम 5:00 बजे बंद हो गया तो तुम इतनी देर रात यहां पर क्या करने आए हो वहीं पर किसी ने उसकी वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दी जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है पीड़ित युवक ने अपनी आपबीती पुलिस को बताई पुलिस ने युवक से तहरीर लेकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है अब देखना यह होगा आखिरकार पुलिस कब तक पीड़ित को इंसाफ दिला पाती है क्योंकि पीड़ित का कहना है उसके साथ जातिसूचक शब्दों का भी इस्तेमाल किया गया है