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400 सीटें जीतने की उम्मीद के साथ BJP को घेरने साइकिल पर निकले अखिलेश

समाजवादी पार्टी गुरुवार, 5 अगस्त को उत्तर प्रदेश में साइकिल यात्रा निकाल रही है. बेरोजगारी, तेल की बढ़ती कीमतों, किसान कानून और अन्य कई मुद्दों को लेकर. पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष और पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने लखनऊ से इसकी शुरुआत की. उनकी पत्नी डिंपल यादव ने साइकिल यात्रा को हरी झंडी दिखाई. पार्टी के सांसद, विधायक और पूर्व मंत्री अलग-अलग जिलों में साइकिल चला रहे हैं. समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता रहे जनेश्वर मिश्र की आज जयंती भी है. इस मौके पर सपा मिशन-2022 के मद्देनजर सरकार के खिलाफ माहौल बनाने के मकसद से साइकिल यात्रा निकाल रही है.

अखिलेश यादव ने साइकिल यात्रा के पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने सरकार पर निशाना साधा, साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बड़ा दावा भी कर दिया. उन्होंने कहा,

जिन परिवारों ने कोरोना से सदस्य खोए हैं, उनके दुख की कल्पना नहीं की जा सकती. लेकिन सरकार ने उनकी कोई मदद नहीं की. दवाई, ऑक्सीजन, बेड उपलब्ध कराने में नाकाम रही. ऑक्सीजन की कमी से न जाने कितने लोगों की जान चली गई.

सरकार हर मुद्दे पर नाकाम है. जिस तरीके से जनता में नाराजगी है, हो सकता है कि जनता समाजवादियों को 400 सीटें भी जितवा दे. अभी तक तो हम 350 बोलते थे, लेकिन जिस तरह की नाराजगी जनता में है, हो सकता है कि हम 400 सीटें जीत जाएं. आज ऐसी स्थिति है कि भारतीय जनता पार्टी के पास प्रत्याशी कम पड़ेंगे. प्रत्याशी टिकट नहीं मांगेंगे.

मेनिफेस्टो नहीं मनीफेस्टो

अखिलेश यादव ने आगे कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने अपना मेनिफेस्टो नहीं खोला है. ये मेनिफेस्टो नहीं बताते हैं, ये तो मनीफेस्टो बनाते हैं. अखिलेश ने कहा कि चुनाव नजदीक आ रहा है तो दलितों, पिछड़ों और मुसलमान भाइयों से प्यार दिखा रहे हैं. लेकिन पूरे 4.5 साल इनको बर्बाद किया, अन्याय किया, उत्पीड़न किया. चुनाव नजदीक आ रहा है तो नजदीक जाने की कोशिश कर रहे हैं.

अखिलेश यादव ने आरोपों का सिलसिला जारी रखते हुए कहा कि बीजेपी की काम करने की संस्कृति नहीं रही है. सपा के काम का उद्घाटन नाम बदलकर किया जा रहा है. उन्हीं का फीता काट रहे हैं. अपराधियों का स्वागत कर रहे हैं. बीजेपी इस मामले में नंबर वन है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि,

देश में कुपोषण के शिकार बच्चे अगर कहीं सबसे ज्यादा हैं तो यूपी में हैं. उत्तर प्रदेश गंगा में लाश बहाने में नंबर वन हैं. चिताओं के जलने में नंबर वन. बिना इलाज के मारने में नंबर वन. पंचायत चुनाव में अध्यापकों की बलि देने में नंबर वन. रोजगार मांगने वाले नौजवानों पर लाठी चलाने वालों में नंबर वन. 70 लाख नौकरी का वादा कर पलट जाने में नंबर वन. बेगुनाह लोगों को जेल में डालने में नंबर वन. विशेष धर्म पर अत्याचार करने में नंबर वन है. झूठ बोलने में नंबर वन है.

पूर्व सीएम ने कहा कि हम जनेश्वर जी को याद करेंगे और उनके पार्क तक जाएंगे. जनेश्वर मिश्र ने हमेशा समाजवाद को आगे बढ़ाया. उन्होंने सामने खड़े होकर संकटों का सामना किया. हम भी यूपी को नई दिशा देना चाहते हैं.


नेता नगरी:

यूपी के भाजपा सांसद धर्मेंद्र कश्यप उत्तराखंड में जागेश्वर मंदिर में पूजा करने गए तो विवाद हो गया.

नियम-कायदे सबके लिए समान होते हैं. जो नियम आम आदमी पर लागू होता है, वहीं माननीयों पर भी. लेकिन बरेली के आंवला क्षेत्र से भाजपा सांसद धर्मेंद्र कश्यप को लगता है, यह बात जंची नहीं. हुआ यूं कि सांसद धर्मेंद्र कश्यप उत्तराखंड के जागेश्वर धाम मंदिर पहुंचे थे. इस दौरान दर्शन करने को लेकर उनकी मंदिर प्रबंधन के लोगों से कहासुनी हो गई. आरोप है कि सांसद ने इस दौरान गाली गलौच की. उनके साथ जबरन घुसे लोगों ने धक्का मुक्की की. इसके खिलाफ पुजारियों और विपक्षी दलों के विरोध प्रदर्शन के बाद अब सांसद समेत तीन लोगों के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है.

FIR दर्ज, सियासत तेज

आजतक संवाददाता राहुल दरम्वाल के अनुसार, बीजेपी सांसद धर्मेंद्र कश्यप 31 जुलाई को जागेश्वर मंदिर पहुंचे. पाठ पूजा के बाद वह दर्शन करना चाहते थे, तब तक मंदिर बंद होने का समय हो गया. मंदिर प्रशासन ने कोरोना प्रोटोकॉल के चलते मंदिर के पट 6 बजे बाद बंद होने का हवाला दिया, लेकिन सांसद इस बात पर भड़क उठे. कहासुनी के बाद गाली-गलौज, धक्का मुक्की भी हुई. काफी देर तक ये ड्रामा चला. इसका वीडियो सोशल मीडिया तक पहुंच गया. वीडियो में सांसद और उनके साथियों को मंदिर के लोगों पर भड़कते और धक्का-मुक्की करते देखा और सुना जा सकता है. वीडियो में गाली गलौज होने के कारण हम आपको ये वीडियो नहीं दिखा रहे हैं.

इस घटना के बाद मंदिर के पुजारी धरने पर बैठ गए. जागेश्वर से कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल भी उनके साथ आ गए. कुंजवाल ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ हिंदू धर्म और मंदिरों में आस्था की बात करते हैं लेकिन उनके सांसद के इस तरह के व्यवहार से हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचती है. आम आदमी पार्टी ने भी उस मामले पर विरोध जताते हुए जुलूस निकाला. AAP के प्रदेशाध्यक्ष अमित जोशी ने भाजपा सांसद की अभद्रता को अराजकता करार देते हुए मुख्यमंत्री से माफी की मांग कर डाली.

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, मंदिर समिति के पुजारी ने कहा-

“जब सांसद साहब को कोरोना नियमों का हवाला देते हुए मंदिर में जाने से रोका गया तो वह भड़क गए. जब उन्हें पता चला कि वीडियो रिकॉर्ड हो रहा है तो आरोप लगाने लगे कि मंदिर में दर्शन के हजार रुपये मांगे जा रहे हैं. उसके बाद हमने कहा कि अगर आपसे हजार रुपये मांगे गए हैं तो आप मंदिर में चलकर मूर्ति पर हाथ रखकर बोल दीजिए.”

मंदिर समिति के प्रबंधक भगवान भट्ट ने इस मामले को लेकर सांसद धर्मेंद्र कश्यप, उनके साथी मोहन राजपूत और सुशील अग्रवाल के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करा दी है. धारा 188 और धारा 504 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

सांसद की ओर से क्या कहा गया?

सांसद धर्मेंद्र कश्यप ने तो इस बारे में कुछ नहीं कहा है, लेकिन उनके मीडिया प्रभारी ने पूरे मामले पर सफाई दी. उन्होंने आरोप लगाया कि सांसद महोदय दर्शन करने गए थे, वहां भक्तों से दर्शन कराने के लिए एक हजार रुपये की वसूली हो रही थी. जब सांसद से भी पैसे मांगे गए तो उन्होंने मना कर दिया और दर्शन करने के लिए आगे बढ़े. इसी पर मंदिर प्रबंधक ने गाली देना शुरू कर दिया. उन्होंने इसी पर पलटकर जवाब दिया था.

वहीं उत्तराखंड भाजपा के अध्यक्ष मदन कौशिक ने इस मुद्दे पर कहा कि वह मामले की पूरी जानकारी प्राप्त कर रहे हैं. हालांकि मंदिर जैसे पवित्र स्थान पर ऐसे आचरण को जायज नहीं ठहराया जा सकता, चाहे उसे करने वाला कोई भी हो.