रुड़की के एक निजी होटल में यूनानी पद्धति की दलक थैरेपी को बढ़ावा देने के लिए एक सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे यूनानी पद्धति के अंतराष्ट्रीय वक्ता एवं यूनानी विशेषज्ञ डॉ उबेदुल्लाह बेग ने कहा कि आधुनिक युग में यूनानी पद्धति के सामने बड़ी चुनौतियां हैं लेकिन बावजूद इसके यूनानी पद्धति आज के युग में भी बेहद कारगार साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि आज भी लोग यूनानी पद्धति से अपना उपचार कराना चाहते हैं लेकिन किसी कारण आज यूनानी डिग्री होल्डर ऐलोपैथिक पद्धति को मजबूरन अपनाकर यूनानी पद्धति से लगातार दूर होते जा रहे हैं।उन्होंने यूनानी से आए डॉक्टरों में उत्साह भरते हुए कहा कि यूनानी पद्धति सबसे पुरानी पद्धति है जिसके अच्छे और लंबे परिणाम सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस पद्धति से कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है जबकि एलोपैथिक में गंभीर परिणाम सामने आते रहते हैं। डॉक्टर बेग ने कहा कि यूनानी डॉक्टर को दलक थैरेपी के कई महत्वपूर्ण नुस्खे भी बताए उन्होंने कहा कि इस पद्धति से गंभीर से गंभीर बीमारियों और दर्द का उपचार काफी बेहतर तरीके से किया जा सकता है। इस मौके पर ऑल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस के महासचिव डॉक्टर सैयद अहमद खान ने बड़ी बेबाकी के साथ कहा कि। उत्तराखंड राज्य में भी लोग यूनानी चिकित्सा की तरफ तेजी से रुचि ले रहे हैं उन्होंने कहा कि डॉक्टर को गुमराह होने की आवश्यकता नहीं है यूनानी का भविष्य बेहद उज्जवल है।इस मौके पर कार्यक्रम का संचालन भारतीय चिकित्सा परिषद यूनानी सदस्य एवं ऑल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ मतिउलाह मजीद ने कहा कि आयुर्वेद की तरह यूनानी चिकित्सक भी चाहते हैं कि सरकार इस पद्धति को भी उसी तरह प्राथमिकता दे जिस तरह से आयुर्वेद पद्धति को दिया जा रहा है उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की जनता के लिए प्रदेश में एक यूनानी पद्धति को बढ़ावा देने के लिए एक यूनानी मैडिकल खोलना बेहद आवश्यक है इसके लिए तत्कालीन सरकारों ने कलियर में स्थान आदि भी चिन्हित कर दिया था लेकिन आज तक नहीं बन पाया।कार्यक्रम के आयोजक मैक्स रेमेडीज और शाही लैबोरेटरीज ने किया ।इस मौके पर प्रबंधक जावेद अली, फैसल इस्लाम,वकार अली,फारुख सिद्दीकी, डॉक्टर इरफानूल हक फारूकी डॉक्टर यूसुफ अंसारी, डॉ राशिद, डॉक्टर नदीम,आस मोहम्मद,फैजान अली खां,मोहम्मद गय्युर,आदि मौजूद रहे।