रिपोर्ट : शादाब अली : रुड़की
रुड़की मंगलौर कोतवाली में कल बीजेपी कार्यकर्ता और पुलिस के बीच एक मामले को लेकर विवाद हो गया था बीजेपी कार्यकर्ताओं का आरोप है कि कोतवाली प्रभारी ने उनके साथ पहले तो गाली गलौज और धक्का-मुक्की की जिसके बाद बीजेपी के सभी कार्यकर्ता मंगलौर कोतवाली के बाहर धरने पर बैठ गए थे सूचना मिलते ही भाजपा विधायक एवं वरिष्ठ भाजपा नेता मौके पर पहुंच गए और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से वार्ता की गई लेकिन वार्ता के दौरान देर रात किसी बात को लेकर विधायक और नेताओं की मौजूदगी में मामला इतना बड़ा पुलिस ने पहले तो सभी को कार्यालय से बाहर कर दिया और बाद में भाजपा अल्पसंख्यक एक नेता के साथ पुलिस ने बड़ी बेरहमी से मारपीट की जिसका वीडियो अब तेजी से वायरल हो रहा है और जिसको लेकर आज रुड़की स्थित एक होटल में पहले तो मीटिंग की गई जिसके बाद सभी कार्यकर्ता देहरादून मुख्यमंत्री और उच्च अधिकारियों से वार्ता करने के लिए निकल गए बीजेपी विधायक देशराज करण वालों का कहना था जिस तरह से हमारी मौजूदगी में प्रभारी निरीक्षक ने कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट और गाली गलौज की है यह किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इस तरह के अधिकारी को कुर्सी पर रहने का कोई अधिकार नहीं हैरुड़की मंगलौर कोतवाली में कल बीजेपी कार्यकर्ता और पुलिस के बीच एक मामले को लेकर विवाद हो गया था बीजेपी कार्यकर्ताओं का आरोप है कि कोतवाली प्रभारी ने उनके साथ पहले तो गाली गलौज और धक्का-मुक्की की जिसके बाद बीजेपी के सभी कार्यकर्ता मंगलौर कोतवाली के बाहर धरने पर बैठ गए थे सूचना मिलते ही भाजपा विधायक एवं वरिष्ठ भाजपा नेता मौके पर पहुंच गए और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से वार्ता की गई लेकिन वार्ता के दौरान देर रात किसी बात को लेकर विधायक और नेताओं की मौजूदगी में मामला इतना बड़ा पुलिस ने पहले तो सभी को कार्यालय से बाहर कर दिया और बाद में भाजपा अल्पसंख्यक एक नेता के साथ पुलिस ने बड़ी बेरहमी से मारपीट की जिसका वीडियो अब तेजी से वायरल हो रहा है और जिसको लेकर आज रुड़की स्थित एक होटल में पहले तो मीटिंग की गई जिसके बाद सभी कार्यकर्ता देहरादून मुख्यमंत्री और उच्च अधिकारियों से वार्ता करने के लिए निकल गए बीजेपी विधायक देशराज करण वालों का कहना था जिस तरह से हमारी मौजूदगी में प्रभारी निरीक्षक ने कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट और गाली गलौज की है यह किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इस तरह के अधिकारी को कुर्सी पर रहने का कोई अधिकार नहीं है