रिपोर्ट: शादाब अली :रुड़की
आपको बता दे एक युवक ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया है कि चौकी पर तैनात एक पुलिसकर्मी ने किसी बात को लेकर जूतों चप्पल कि सेल लगाने वाले एक व्यक्ति के साथ मारपीट कर उसका पूरा सामान फेंक दिया जिस कारण शिकायतकर्ता भी सामने आने से डर रहा है।
दरसल यह पूरा मामला दो दिन पहले बृहस्पतिवार का है जहां मंगलौर निवासी एक व्यक्ति ने अपने जूतों चप्पल की सेल लगाई थी किसी बात को लेकर चौकी पर तैनात पुलिसकर्मी के साथ उसकी कहासुनी हो गई जिसके बाद पुलिसकर्मी ने आव देखा न ताव उसके साथ वहां पर मारपीट करनी शुरू कर दी, मारपीट के बाद उसका पूरा सामान भी फेंक दिया। इस बात से सब अवगत है कि बाज़ार अवैध लगाया जाता है जिसकी बाकायदा प्रतिव्यक्ति अवैध वसूली की जाती है। सवाल यही है कि अगर उस व्यक्ति से बाज़ार से हटाने को लेकर कहासुनी के बाद मारपीट की है तो बाज़ार शाम तक लगातार जारी क्यों रहा, बाज़ार में बैठे बाकी दुकानदारों को वहां से हटने के लिए क्यों नही कहा गया? किसी एक व्यक्ति के साथ मारपीट करना किस हद तक ठीक है यह तो आलाधिकारी ही बता सकते है। लेकिन चौकी पर तैनात यह पुलिसकर्मी अक्सर विवादों में बने रहते है वो इसीलिए कि अधिकारी भी इनको पुरी छुट दिए रखते है इसीलिए कुछ पुलिसकर्मी अपना दायरा ही भूल जाते है क्योंकि अधिकारी इनको कुछ कहते नही और जनता की ये सुनते नही। यही कारण है कि बहुत से पुलिसकर्मी कई सालो तक एक ही चौकी पर अपनी तैनाती कराए रखते है।
जिले के नए कप्तान साहब ने अपनी तैनाती के बाद सबसे पहले ऐसे ही पुलिसकर्मियों को हटाया जो पिछले कई कई सालों से एक ही जगह जमे हुए थे लेकिन यह पुलिसकर्मी कहीं ना कहीं अपनी पकड़ नेताओं में रखते हैं इसीलिए यह पुलिसकर्मी अपनी मर्जी से कहीं भी अपनी पोस्टिंग करा लेते हैं