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अर्श से फर्श तक का सफर जानिए किस नेता ने 48 घंटे बोलर पर बैठकर सर्दी में किया वेल्डिंग, रात में सोना भी हुआ उसी प्लेट पर !

कहते हैं जितना लोहा तपता है उतना मजबूत होता है

रिपोर्ट :शादाब अली रुड़की

रुड़की:कलियर विधानसभा से आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी इंजीनियर शादाब आलम के द्वारा आज एक मैसेज जनता के नाम दिया गया जिसमें उन्होंने बताया कि वह एक बहुत ही गरीब परिवार से आते है और इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्होंने जी तोड़ मेहनत की है उन्होंने बताया वह काशीपुर में अपने पिता के साथ वेल्डिंग का काम किया करते थे पढ़ने लिखने का शौक बचपन से ही था इसलिए काम के साथ-साथ वह स्कूल भी जाया करते थे इंजीनियर शादाब आलम ने बताया देश के पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय एपीजे अब्दुल कलाम जी शिक्षा को सबसे पावरफुल हथियार बताया करते हैं देश में नागरिक अपने अधिकारों का तभी इस्तेमाल कर पाएंगे जब वह पढ़े लिखे होंगे

उन्होंने बताया जिस सरकारी स्कूल से पढ़ाई की है वह घर से काफी दूर पड़ता था उनके पिता के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह एक साइकिल भी दिला पाते घर से स्कूल जाने में उनको 4 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता था और तकरीबन 4 किलोमीटर ही वापस आना था घर के हालात अच्छे नहीं थे तभी मैंने पिता के साथ काम करने का निर्णय लिया और काम के साथ-साथ पढ़ाई भी शुरू कर दी उन्होंने कहा जब मैंने पहली बार एक किसान के खेती के सामान पर वेल्डिंग किया था तो उसने मुझे उसके एवज में ₹5 दिए थे शादाब आलम बताते हैं कि घर के हालात अच्छे नहीं थे व्यापार के लिए उन्होंने एक शुगर मिल को बनाने कांटेक्ट लिया था लेकिन शुगर मिल वाले ने भी उनको टाइम पर पैसे नहीं दिए जिस वजह से लेबर की दिहाड़ी देने के लिए उनको अपनी मोटरसाइकिल भी बेच देनी पड़ी थी इस दुनिया में कोई भी गरीब की सुनने वाला नहीं है इसलिए उन्होंने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर गरीब और दबे कुछ लोग की आवाज बनने का काम किया है आज खुदा का दिया हुआ मेरे पास बहुत कुछ है और जो मेरी कंपनी में काम करते हैं उनमें ज्यादातर मेरे दोस्त या वह गरीब लोग हैं जिनको कोई काम नहीं देता
उन्होंने कहा जिस तरह से दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार ने गरीब लोगों को सुख सुविधाएं देने का काम किया उसी मॉडल को वह कलियर विधानसभा में भी लाना चाहते हैं इसीलिए मैं आज कलियर की दिशा और दशा बदलने के लिए तैयार हूं अगर कलियर की जनता ने मुझ पर भरोसा जताया तो मैं इस विधानसभा क्षेत्र का नक्शा ही बदल डालूंगा

शादाब आलम की माताजी ने बताया कि शादाब आलम शुरू से ही कुछ करने की इच्छा रखता था और हर मां को ऐसा बेटा दे जैसा मेरा बेटा है

इंजीनियर शादाब आलम के पिता ने बड़ी बेबाकी के साथ कहा कि किसने अपनी पढ़ाई लिखाई के लिए खुद ही अपना खर्चा उठाया है और जो पैसे काम करके जुटाए वह अपनी पढ़ाई में लगाए उन्होंने कहा मैं सभी मां-बाप से अपील करता हूं कि हमेशा अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दें और शिक्षा के साथ-साथ संस्कार भी जरूरी हैं इसीलिए अपने बच्चों को पढ़ाएं और लिखा है क्योंकि यह बच्चे कल का भविष्य है

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