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नलकूप खंड रुड़की में अभी लैपटॉप प्रकरण शांत भी नहीं हुआ था ! एक और प्रकरण आया सामने !

रुड़की जब व्यक्ति सरकारी नौकरी करने के लिए किसी विभाग में आवेदन करता है तो उसमें साफ लफ्जो में दर्शाया जाता है कि नौकरी पाने वाला व्यक्ति अपनी तहसील या फिर जिले में कार्य नहीं कर सकता क्योंकि कहीं ना कहीं उसके द्वारा पद का फायदा उठाकर अपने सहयोगी यों को लाभ भी पहुंचाया जाता है इसी को देखते हुए सरकारी विभाग में नौकरी करने वाला व्यक्ति अपनी तहसील या जिले से दूर रहकर ही नौकरी कर पाता है लेकिन रुड़की में तो कुछ और ही देखने को मिल रहा है नलकूप खंड रुड़की में तैनात ज्यादातर अपर सहायक अभियंता( जेई ) अपनी ही तहसील में नौकरी कर रहे हैं और सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अपर सहायक अभियंता अपने पद का दुरुपयोग भी कर रहे हैं उनके द्वारा अपने चहेतों को काम दिए जाने का मामला भी सामने आ रहा है ऐसा ही एक मामला रुड़की में देखने को मिला जो मूल रूप से इमली के रहने वाले हैं जो रुड़की तहसील में आता है लेकिन वह अपर सहायक अभियंता साहब तो सारे नियमों को ताक पर रखकर नौकरी कर रहे हैं क्योंकि जिस तरह से पहले तो वह अपने ही गांव में कार्य कर रहे थे लेकिन जब मामला ने तूल पकड़ा तो उन्होंने वहां से ट्रांसफर लेकर दूसरे गांव में चले गए सूत्र बताते हैं नलकूप खंड रुड़की में तकरीबन ऐसे 10 अपर सहायक अभियंता होंगे जो रुड़की तहसील के रहने वाले हैं और वह रुड़की तहसील में ही नौकरी कर रहे हैं इन लोगों को कहीं ना कहीं राजनीतिक संरक्षण की प्राप्त है क्योंकि बिना राजनीतिक संरक्षण के यह लोग तहसील में नौकरी नहीं कर सकते और इस वजह से नलकूप खंड राजनीति का अखाड़ा भी बना हुआ है क्योंकि किसी अधिकारी की हिम्मत नहीं इनको तहसील से हटाकर किसी और जगह पोस्टिंग कर दें अगर कोई अधिकारी ऐसा करता है तो उस पर बड़े बड़े लोगों के फोन भी तुरंत ही आ जाता है इससे अंदाजा लगाया जा सकता है यह अपर सहायक अभियंता कितनी पावर रखते हैं

अभी हाल ही में नलकूप खंड रुड़की में एक लैपटॉप प्रकरण सामने आया था जिसमें एक अपर सहायक अभियंता ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए बिना लैपटॉप खरीदे ही पेमेंट करा दिया था जब इसकी भनक वहां पर तैनात एसडीओ को लगी तो उन्होंने तुरंत ही एक लेटर जारी कर स्पष्टीकरण मांगा लेकिन स्पष्टीकरण मांगना एसडीओ को इतना महंगा पड़ गया की सूत्र बताते हैं अपर सहायक अभियंता ने आनन-फानन में एक एसोसिएशन की अपनी मीटिंग बुलाकर दबाव बनाने की भी कोशिश की और मीटिंग में कहा गया कि मामला दबा दिया जाए इनको राजनीतिक संगठनों के साथ साथ कई किसान संगठनों का भी समर्थन बताया जाता है क्योंकि कुछ दिन पहले ही एक किसान संगठन ने पूरे मामले को लेकर एक धरना प्रदर्शन भी किया था जो बताया जाता है अपर सहायक अभियंता के पक्ष में अब देखना यह होगा कि आखिरकार यह अधिकारी अपनी ही तहसील में नौकरी करते रहेंगे या फिर किसी दूसरी जगह इन अधिकारियों की तैनाती की जाती है

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