रिपोर्ट: शादाब अली: रुड़की
रुड़की–हल्द्वानी के रहने वाले एक परिवार ने रुड़की में हुई दुर्घटनाग्रस्त एंबुलेंस में मरीज की मौत के मामले में मृतक की पत्नी ने एंबुलेंस चालक और फार्मेसिस्ट पर गंभीर आरोप लगाए है। मृतक की पत्नी ने मामले में निष्पक्ष जांच कर आरोपियों को सजा देने की मांग की है। इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
हल्द्वानी निवासी सुनीता ने अपनी आप बीती बताते हुए कहा है कि उनके पति गोपाल को ब्रेन हेमरेज होने के बाद पहले सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां से चिकित्सकों ने उन्हें निजी अस्पताल में रेफर कर दिया था, इस दौरान उनके इलाज में लाखों का खर्चा आया। वहीं हालत गंभीर होने पर उन्हें दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे पिता के इलाज के लिए पैसे नहीं होने पर उनकी दो मासूम बेटियों ने लोगों से दान मांगा था। जिसकी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। जिसके बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने परिवार को एक लाख रूपये की तुरंत सहायता दी थी। साथ ही उनके इलाज कराने का परिजनों को आश्वासन दिया था। कई समाजसेवी और संस्थाओं ने उनकी मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाए थे। 25 जून को गोपाल को दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल से ऋषिकेश एम्स में इलाज के लिए लाया जा रहा था जिसको लेने के लिए देहरादून जिला अस्पताल की एंबुलेंस भेजी गई थी जिसे चालक सुनील चला रहा था और फार्मेसिस्ट भी उसमें सवार था। दिल्ली से वापस लौटते हुए उस एंबुलेंस का मंगलौर के मुंडियाकी गांव के पास हाईवे पर एक्सीडेंट हो गया, इस दुर्घटना में उनके पति गोपाल की मौत हो गई थी और उन्हें भी सर पर चोट आई थी।
रुड़की के रामनगर चौक स्थित एक होटल में पत्रकारों से वार्ता करते हुए हल्द्वानी निवासी सुनीता ने आरोप लगाया कि दिल्ली से एम्स रवाना होने के दौरान चालक ने एंबुलेंस को दो स्थानों पर रोका था जहां चालक व फार्मेसिस्ट ने शराब का सेवन किया था। सुनीता का आरोप है कि एंबुलेंस चालक नशे में धुत था इसलिए एंबुलेंस दुर्घटनाग्रस्त हुई। हल्द्वानी से रुड़की पहुंचे मन्नू गोस्वामी ने कहा कि मामले में सिविल अस्पताल रुड़की की लापरवाही सामने आई है। नियमानुसार एंबुलेंस में मरने वाले मरीज गोपाल शर्मा का पोस्टमार्टम सिविल अस्पताल में कराया जाना चाहिए था लेकिन रुड़की अस्पताल के चिकित्सकों ने उनका शव बिना पोस्ट मार्टम के हल्द्वानी भेज दिया साथ ही चालक और फार्मेसिस्ट का मेडिकल भी नहीं किया।
उन्होंने कहा कि इस मामले में उन्होंने मंगलौर कोतवाली में तहरीर दी है और आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सजा देने की मांग की है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जाए ताकि मृतका गोपाल की छोटी बच्चियों का पालन पोषण हो सके। बाबलुनाथ गोस्वामी ने कहा कि हल्द्वानी में हुए पीएम में आया है कि गोपाल की गले की हड्डी टूटने के कारण उनकी मौत हुई है। इस मामले में एसपी देहात प्रमेंद्र डोभाल का कहना है कि मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। सीओ द्वारा जांच की जा रही है रिपोर्ट आने पर कार्यवाही की जाएगी।