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दो महीने बीत जाने के बाद भी बेलड़ा प्रकरण, अभी तक नहीं हुआ पूरी तरह से शांत, अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे ग्रामीण !

रिपोर्ट: शादाब अली

रुड़की सिविल लाइन कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत बेल्डा गांव में लगभग 2 महीने पहले एक युवक की मौत हो गई थी जिसके बाद परिजनों और ग्रामीणों ने युवक की हत्या करने का आरोप सीधे-सीधे गांव के ही कुछ दबंगों पर लगा डाला था। युवक की मौत के मामले में ही ग्रामीणों ने कोतवाली का घेराव किया था और कहा था जब तक आरोपियों पर संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज नहीं होगा तब तक ऐसे ही धरना प्रदर्शन जारी रहेगा।

लेकिन जैसे ही युवक का शव लेकर ग्रामीण वापस अपने गांव जा रहे थे रास्ते में किसी बात को लेकर पुलिस और ग्रामीणों में टकराव हो गया जिसके बाद जमकर पथराव हुआ और इस पथराव में कई पुलिसकर्मी व इंस्पेक्टर घायल हो गए थे बड़ी मुश्किल से पुलिस के द्वारा मामले को शांत कराया गया साथ ही पथराव करने वाले लोगों को हिरासत में लेकर जेल भेजा गया था। जिसमे ग्रामीणों ने पुलिस पर आरोप लगाया कि पुलिस ने ठीक से जांच नही की है और बेकसूर लोगो को भी जेल भेज दिया है।

इस पूरे मामले को लेकर ग्रामीणों ने पूरा मामला उत्तराखंड अनुसूचित जाति आयोग के सामने रखा और कहा हमारे साथ अन्याय हुआ है इसके बाद आयोग के द्वारा कहा गया था कि किसी भी सूरत में आपके साथ कोई अन्याय नही होगा और दोषियों को सख्त सजा मिलेगी। लेकिन अब बेल्डा के ग्रामीण फिर से धरने पर बैठ गए है। उन्होंने उत्तराखंड अनुसूचित जाति आयोग पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया है। इस पूरे मामले को लेकर ग्रामीण कई दिनों से रुड़की नगर निगम के सामने धरने पर बैठे है। धरने पर मौजूद लोगों की मांग है कि पीड़ित परिवारो को इंसाफ मिले दोषियों को सजा मिले। यह धरना प्रदर्शन उत्तराखंड अनुसूचित आयोग के खिलाफ भी दिया जा रहा है जिसमें उनके द्वारा एक 12 सूत्रीय मांग भी रखी गई है। अब देखना यह होगा कि आखिर कब जाकर बेल्डा प्रकरण शांत होता है।

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