रुड़की नगर निकाय चुनाव को लेकर सर गर्मी तेज हो चुकी है मेयर प्रत्याशियों के नाम के साथ-साथ वार्ड के पार्षद प्रत्याशियों के नामों की घोषणा भी की जा चुकी है। वही कांग्रेस के टिकटों को लेकर पुराने कांग्रेस प्रत्याशियों में रोष दिखाई दे रहा है सूत्र बताते हैं वही कांग्रेस नगर अध्यक्ष पर आरोप यह भी है कि पैसे लेकर टिकटों का आवंटन किया गया है।
सूत्रों की माने तो जिस तरह से कांग्रेस में टिकटों को लेकर एक बड़ा खेला हुआ है वो पार्टी की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े करते है।
जानकारी के अनुसार कल शाम पार्षद प्रत्याशियों की एक लिस्ट जारी होती है ज्यादातर सभी वार्डों की प्रत्याशी घोषित कर दिए जाते है लेकिन उस लिस्ट को महानगर अध्यक्ष चौधरी राजेंद्र फर्जी बताते हुए उसका खंडन कर देते है जबकि वो लिस्ट फाइनल थी। लिस्ट में खेला उस वक्त होता है जब वार्ड नंबर 36 में कांग्रेस का प्रत्याशी साहिल को घोषित कर दिया जाता है बावजूद इसके वार्ड नंबर 36 का दूसरा प्रत्याशी साहिल की भाभी का नाम कटवाकर दो घंटे के अंदर खुद कांग्रेस का सिंबल ले आता है। जबकि लिस्ट में अभी भी साहिल भाभी का नाम मौजूद है। इस बारे में जब चौधरी राजेंद्र से पूछा जाता है तो वो कहते है कि 36 वार्ड में सेटिंग गेटिंग से टिकट बदला गया है उनका कहना है कि प्रदेश के बड़े से बड़े नेताओं का प्रेशर आगया था इसलिए टिकट बदला गया।
कमाल की बात यह है कि वार्ड नंबर 35 में भी पुराने कांग्रेसी और पढ़े लिखे लोगो के नाम नगर अध्यक्ष ने लिस्ट में आगे भेजा ही नहीं। इस बारे में जब देहरादून बात की गई तो उन्होंने कहा कि सरोज फातिमा का नाम हमें लिस्ट में भेजा ही नहीं गया। जबकि टिकट उसे दिया गया जिसका कांग्रेस में कभी कोई वजूद ही नहीं रहा है।
सूत्र बताते है कि यह पूरा खेल तो पैसों का है जिसकी ज्यादा बोली उसका ही सिंबल। अब आप इससे अंदाजा लगा सकते है पार्टी ने जमीनी स्तर पर किन लोगों को पदों से नवाज़ रखा है। एक तरफ पार्टी दिन प्रतिदिन अपनी छवि सुधारने पर लगी है वही कुछ लोग पार्टी की छवि को धूमिल करने पर लगी है। देहरादून के बाद रुड़की में भी सिंबल बचने के आरोप रुड़की के नेताओं पर भी लगने लगे है। अब देखना यह होगा कि आखिर निष्ठावान कार्यकर्ता किस तरह से पार्टी में रहकर काम कर पाते हैं या फिर धनबल वालों को ही पार्टी टिकट देती रहेगी।
