रिपोर्ट: शादाब अली: रुड़की
रुड़की : मंगलौर कोतवाली के तत्कालीन प्रभारी यशपाल सिंह और बीजेपी विधायक की मौजूदगी में हुई मारपीट का वीडियो वायरल हो गया था जिसमें साफ देखा जा सकता था किस तरह से उनके द्वारा गाली-गलौज और मारपीट करने के लिए कहां जा रहा था। जोकि बीजेपी कार्यकर्ताओं को कतई भी नहीं भाया और उनके तबादले की मांग को लेकर कल से देहरादून में डेरा डाले हुए थे। बीजेपी विधायक के साथ सैकड़ों कार्यकर्ताओं की मेहनत रंग लाई और एसएसपी हरिद्वार ने उनको कल दोपहर मंगलौर कोतवाली से हटाकर रुड़की सिविल लाइन कोतवाली का इंचार्ज बना दिया लेकिन इससे पहले वे कोतवाली सिविल लाइन का चार्ज ले पाते उनका ट्रांसफर देर रात रुड़की से देहरादून कर दिया गया।
क्योंकि बीजेपी नेताओं का कहना था कि जिस तरह से मंगलौर कोतवाली में मौजूद बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ तत्कालीन कोतवाली प्रभारी यशपाल सिंह के द्वारा गाली गलौज और अपशब्दों का प्रयोग किया गया साथ ही बीजेपी विधायक की मौजूदगी में मंगलौर कोतवाली प्रभारी ने बीजेपी कार्यकर्ता के साथ मारपीट कर दी, जिसको लेकर बीजेपी कार्यकर्ताओं का साफ कहना था कि जब तक यहां से कोतवाल का ट्रांसफर नहीं किया जाएगा तक तक हम शांति से नहीं बैठेंगे।
इसी मामले को लेकर कल से देहरादून में डेरा डाले हुए बीजेपी के नेताओं की मेहनत आखिरकार रंग लाई और कोतवाल का दोपहर के समय मंगलौर से तबादला कर रुड़की सिविल लाइन कोतवाली का प्रभारी निरीक्षक बना दिया गया। लेकिन एसएसपी के इस फैसले से बीजेपी कार्यकर्ता नाराज़ दिखाई दिए, बीजेपी कार्यकर्ताओं का कहना था कि जब तक कोतवाल का ट्रांसफर हरिद्वार से कहीं बाहर नहीं किया जाएगा तब तक हम किसी भी फैसले को नहीं मानेंगे,और हुआ भी वैसा ही आलाधिकारियों के निर्देश पर देर रात कोतवाल यशपाल सिंह बिष्ट का ट्रांसफर ज़िले से बाहर देहरादून कर दिया।
बीजेपी कार्यकर्ताओं ने साफ तौर पर कहा कि ऐसे अधिकारियों को कुर्सी पर रहने का कोई अधिकार नहीं है जो हमारी सरकार की छवि खराब करने पर उतारू है, क्योंकि जिस तरह से वार्ता के दौरान बीजेपी के विधायक और वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में मारपीट और गाली गलौज की गई यह सहनिय नहीं था।